राज्यसभा में अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि काफी समय से वहां के लोगों की मांग थी कि इसे अलग केंद्र शासित प्रदेश की मान्यता मिले, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें.
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नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर पर चल रही तमाम अटकलें, अफवाहें और कयासों पर अब विराम लग गया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर ऐतिहासिक और अभूतपूर्व फैसला लिया है. सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुछेद 370 हटाने का संकल्प पेश किया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे. इसके साथ ही आर्टिकल 35A को भी हटा दिया गया है. राष्ट्रपति ने 35A हटाने की मंजूरी भी दे दी है.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को राज्यसभा में पेश करते हुए अमित शाह ने बताया कि अब जम्मू-कश्मीर का दो भागों में बंटवारा कर दिया है. जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश होगा. लद्दाख बिना विधानसभा का केंद्रशासित प्रदेश होगा. इसके बाद ही 1954 में जम्मू कश्मीर में लागू कई कानूनों का संशोधन आज किया गया है. राज्यसभा में अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि काफी समय से वहां के लोगों की मांग थी कि इसे अलग केंद्र शासित प्रदेश की मान्यता मिले, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें.
सीमावर्ती इलाकों से घिरा है लद्दाख
लद्दाख उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच में है. लद्दाख के उत्तर में चीन और पूर्व में तिब्बत की सीमाएं हैं. चारों ओर से सीमावर्ती इलाकों से घिरे लद्दाक का सामरिक नजरिए से काफी महत्व है. आइए इस मौके पर जानते हैं जम्मू कश्मीर, लद्दाख की भौगोलिक और राजनीतिक परिस्तिथियां...