जज ही निकला रेपिस्ट, कोर्ट ने बलात्कार और धोखाधड़ी का ठहराया दोषी
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जज ही निकला रेपिस्ट, कोर्ट ने बलात्कार और धोखाधड़ी का ठहराया दोषी

जम्मू-कश्मीर में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक उप-न्यायाधीश को बलात्कार और धोखाधड़ी के मामले में दोषी पाया है. जज पर आरोप था कि उन्होंने एक महिला को कानूनी मदद का वादा करके उसके साथ रेप किया. 2018 में आरोप लगने के बाद से ही वह निलंबित चल रहे थे.

फाइल फोटो

जम्मू: दूसरों को उनके अपराधों की सजा देने वाले एक न्यायाधीश (Judge) को खुद बलात्कार और धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया गया है. जम्मू-कश्मीर की एक फास्ट ट्रैक अदालत (Fast Track Court) ने अपने फैसले में जज को दोषी पाया है. जम्मू में एक उप-न्यायाधीश पर 2018 में उनसे कानूनी मदद मांगने वाली एक महिला से बलात्कार और धोखाधड़ी का आरोप लगा था. आरोप के बाद उप-न्यायाधीश को निलंबित कर दिया गया था.

  1. 2018 में महिला ने लगाये थे आरोप
  2. उप-न्यायाधीश को कर दिया था निलंबित
  3. जज ने कानूनी मदद का किया था वादा
  4.  

Court ने सबूतों को माना सही

‘ग्रेटर कश्मीर’ की रिपोर्ट के अनुसार, दोषी करार दिए गए सब-जज की पहचान राकेश कुमार अबरोल (Rakesh Kumar Abrol) के रूप में हुई है. फास्ट ट्रैक कोर्ट जम्मू के पीठासीन अधिकारी खलील चौधरी ने अपने फैसले में कहा कि चर्चा से जो निष्कर्ष निकलता है, वह यह है कि रिकॉर्ड पर मौजूद सभी सबूत आरोपी के अपराध की ओर इशारा करते हैं.   

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कल सुनाई जाएगी Judge को सजा

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्य आरोपों को सही दर्शाते हैं. इसलिए आरोपी को धारा 420 और 376 (2) (के) आरपीसी के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया जाता है. हालांकि, अदालत ने अभी सजा का ऐलान नहीं किया है. कोर्ट में सजा पर शनिवार को सुनवाई होगी. अदालत ने आगे कहा कि प्रभावी व्यक्ति को अपनी पहुंच, प्रभाव और अधिकार को ध्यान में रखते हुए आम जनता के प्रति अधिक जिम्मेदार और संवेदनशील होना चाहिए. उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अनुभव और ज्ञान के साथ अधिकार और कानून का अर्थ जानते हैं और समझते हैं.

Judge के घर काम करती थी महिला

अभियोजन पक्ष के अनुसार रामबन निवासी पीड़ित महिला की और जज की मुलाकात उस समय हुई जब वह एक केस लड़ रही थी. न्यायिक अधिकारी होने के नाते अबरोल ने कानूनी मदद का वादा किया और उससे घरेलू कार्यों में हाथ बंटाने की बात कही. इसके बाद महिला ने जज के घर काम करना शुरू कर दिया. जज ने महिला को उसकी बेटी को बेहतर शिक्षा देने का वादा भी किया. आरोपी ने उसे 5000 रुपए प्रति माह वेतन देने का वादा भी किया था. इसी दौरान, उसने महिला को अपनी बातों में उलझाकर उसके साथ बलात्कार किया.

 

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