पुलिस के मुताबिक़ डीपीएल पुलवामा में तैनात ये दो पुलिस जवान गुरुवार दोपहर पुलवामा में नाका ड्यूटी पर थे. अचानक अपनी सर्विस राइफल लेकर लापता हो गए. पुलिस को मामले की भनक लगते ही जांच शुरू हुई और छह घंटे के भीतर पता चल गया कि वे आतंकी संगठन में शामिल हो गए हैं.
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श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के लस्सीपोरा इलाके के पंजरन इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षबलों के बीच 15 घंटों तक चली भयंकर मुठभेड़ में जैश ए मोहम्मद के चार आतंकी ढेर हो गए. पुलिस के मुताबिक़ इन चार आतंकवादियों में दो पुलिस जवान हैं, जो कुछ घंटे पहले आतंकियों के पाले में चले गए थे.
पुलिस के मुताबिक़ डीपीएल पुलवामा में तैनात ये दो पुलिस जवान गुरुवार दोपहर पुलवामा में नाका ड्यूटी पर थे. अचानक अपनी सर्विस राइफल लेकर लापता हो गए. पुलिस को मामले की भनक लगते ही जांच शुरू हुई और छह घंटे के भीतर पता चल गया कि वे आतंकी संगठन में शामिल हो गए हैं. इतना ही नहीं कुछ ही घंटों में पुलिस ने इन आतंकियों के ठिकाने की भी तलाश कर ली. शुक्रवार शाम को इलाक़े की घेराबंदी करके पुलिस से आतंकी बने दोनों लोगों को मार गिराया.
कश्मीर रेंज के एसपी ने बताया, 'इन दोनों को जब घेरे में लिया गया तो पहले इन्हें सरेंडर करने को कहा गया, लेकिन वे जिद्द पर अड़े रहे. थोड़ी ही देर में वे फायरिंग करने लगे, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में चार आतंकी मार गिराए गए. इनमें वे दोनों पुलिस वाले भी थे जिन्होंने कुछ घंटे पहले ही आतंक का दामन थामा था.
एक पुलिस अफसर ने बताया कि इंटेलिजेंस के पुख़्ता नेटवर्क के कारण इन फ़रार पुलिस वालों के बारे में सूचना मिली थी. मुठभेड़ में इनके मारे जाने के बाद पुलिस की सर्विस राइफल भी बरामद हो गई है.
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मारे गए आतंकियों की पहचान उथमुल्ला शोपियां के मोहम्मद सलमान खान और तुजान पुलवामा के शबीर अहमद डार के रूप में की गई है. जबकि आतंकी बने पुलिसकर्मी की पहचान पंजरन पुलवामा के आशिक हुसैन गैनी और अरिहल पुलवामा के इमरान अहमद भट के रूप में हुई है.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार आशिक हुसैन का आतंक संबंधी अपराधों का इतिहास था और वह उस क्षेत्र में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल रहा था. इसी तरह इमरान भट भी इलाके में सुरक्षा कैंपों पर कई आतंकी हमलों में शामिल था. दोनों के खिलाफ कई आपराधिक अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं, और बड़े पैमाने पर इनकी तलाश जारी थी.