Two Terrorists Arrested: 33 साल बाद गिरफ्त में आए 2 खूंखार आतंकी, मौलवी की हत्या कर हो गए थे फरार
Advertisement
trendingNow11698601

Two Terrorists Arrested: 33 साल बाद गिरफ्त में आए 2 खूंखार आतंकी, मौलवी की हत्या कर हो गए थे फरार

Terrorists Arrested From Jammu: कश्मीर के नगीन थाने इलाके में 21 मई 1990 को तीन आतंकियों मौलवी मीरवाइज फारूख की हत्या कर दी थी. जम्मू पुलिस की SIA (Special Investigation Agency) ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है जो पिछले 33 सालों से फरार थे.

फाइल फोटो

Maulvi Killing Case: जम्मू पुलिस की SIA (Special Investigation Agency) ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है जो पिछले 33 सालों से फरार थे. दोनों आतंकी इतने सालों तक पाकिस्तान और नेपाल मे छुपे हुए थे और कुछ ही समय पहले भारत वापस आए थे. दोनों आतंकी एक मौलवी की हत्या करने के बाद से फरार थे. कश्मीर के नगीन थाने इलाके में 21 मई 1990 को तीन आतंकियों मौलवी मीरवाइज फारूख की हत्या कर दी थी.

ISI के कहने पर हत्या

मौलवी की हत्या पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के कहने पर की गई थी क्योंकि उनको शक था की मौलवी फारूख भारत के लिए पाकिस्तान की जासूसी कर रहा है और कश्मीर में छिपे बैठे आतंकियों की जानकारी भारतीय एजेसियों को दे रहा है. ये वो दौर था जब कश्मीर में आतंकवाद पूरी तरह फैला हुआ था. ISI ने मौलवी मीरवाइज फारूख की हत्या की जिम्मेदारी हिजबुल मुजाहिद्दीन को दी और ये काम हिजबुल के ग्रुप कमांडर अब्दुल्ला बांगरू को सौंपा गया. अब्दुल्ला ने उस समय हिजबुल के श्रीनगर में डाउनटाउन एरिया कमांडर जावेद भट्ट को काम सौंपा. इसके लिए अब्दुल रहमान शिगान, अयुब डार और जहूर भट्ट को भी शामिल किया गया. 

पहले की घर रेकी

मौलवी की हत्या की योजना अप्रैल 1990 में बनाई गई. इसके लिए बकायदा रेकी की हुई और रेकी का काम अयूब डार और अब्दुर रहमान शिगान को सौंपा गया था. दोनों आतंकियों ने मौलवी के श्रीनगर में नगीन इलाके में घर की रेकी की और बकायदा घर जाकर मौलवी फारूख के होने की तस्दीक की और साथ हिजबुल के लिए चंदा भी मांगा. मौलवी ने कुछ दिनों बाद आने की बात कही जिसके बाद दोनों आतंकी चले गए. वापस जाकर घर की जानकारी एरिया कमांडर जावेद भट्ट को दी और 21 मई 1990 को मौलवी फारूख की हत्या उसी के घर  'मीरवाइज मंजिल' में करने की योजना बनाई. योजना के तहत तीन आतंकी अयूब डार, जहुर भट्ट और अब्दुल रहमान शिगान को हत्या का जिम्मा सौंपा गया जिसमें जहुर भट्ट पर घर में घुस कर हत्या करने की जिम्मेदारी थी और बाकी दोनों पर कवर करने की.

घर में दिया हत्या को अंजाम

योजना के हिसाब से तीनों आतंकी मौलवी मीरवाइज फारूख के घर पहुंचें और फारूख की हत्या की. इसके बाद फरार हो गए लेकिन इस हत्या के बाद कश्मीर में तनाव का माहौल बन गया था. इसके बाद सुरक्षा बलों ने कुछ समय बाद 1990 में ही दो आतंकियों हिजबुल कमांडर अब्दुल्ला बांगरू और अब्दुल रहमान शिगान को एनकाउंटर में मार गिराया था और अयुब डार को गिरफ्तार किया था लेकिन दो आतंकी जावेद भट्ट और जहुर भट्ट पाकिस्तान फरार हो गए थे.

सीबीआई के हवाले आतंकी

अयुब डार को गिरफ्तार करने के बाद मामले की जांच 11 जून 1990 को सीबीआई को सौंप दी गई थी और TADA कानून के तहत अयुब डार को साल 2009 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई जिसे बाद में 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा. अब दोनों फरार आतंकियों जावेद भट्ट और जहुर भट्ट को गिरफ्तार करने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने सीबीआई को सौंप दिया है.

Trending news