FGM-148 Javelin Missiles: आप सबने खूब सुना होगा कि यूक्रेन ने रूस के साथ जंग में हार नहीं मानी है, उसके पास एक ऐसा हथियार है, जिसके दमपर उसने रूस की सेना को जंग में पानी पिला दिया है. हाल ये रहा कि इस हथियार का रूस के पास कोई विकल्प नहीं है. अब वही हथियार भारत के पास होगा, जानें क्या है उस हथियार का नाम, कितनी है उसकी ताकत, भारत को कौन देगा ये हथियार, जानें पूरा मामला.
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FGM-148 Javelin Missiles: रूस और यूक्रेन के युद्ध को दो सालों से अधिक समय हो गया है. दुनिया को उम्मीद नहीं थी यूक्रेन सुपरपावर रूस के आगे ज्यादा दिन तक टिक पाएगा. लेकिन, यूक्रेन के सैनिक रूसी सेना का डटकर मुकाबला करने में लगे हैं. यूक्रेन ने इस जंग में जिस हथियार का सबसे अधिक प्रयोग किया है, उसका नाम है FGM-148 Javelin मिसाइल, इस हथियार का यूक्रेन ने ऐसा उपयोग किया कि रूसी सेना के छक्के छुड़ाकर रख दिए हैं. कंधे से दागे जाने वाला कवच रोधी इस हथियार के भारत में बनने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ गई है. भारत की सेना इसे करीब दस सालों से बनाने के लिए प्रयास कर रही थी.
क्या है एंटी टैंक मिसाइल जैवलिन
जैवलिन मिसाइल एक एंटी टैंक हथियार है, जिसने रूस के कई टैकों को नेस्तेनाबूद कर दिया है. इस मिसाइल का अमूमन गुरिल्ला युद्ध में इस्तेमाल होता है. ये बेहद सख्त सुरक्षा कवच को भी भेद सकती है. यही वजह है कि यूक्रेन ने न केवल करीब दो सालों से रूसी आक्रमण का बेहद मजबूत ढंग से प्रतिरोध किया बल्कि भारी नुकसान भी पहुंचाया है. जैवलिन मिसाइल 'मैन पोर्टेबल' है. इसे सैनिक अपने कंधे पर रखते और जगह बदलते हैं और जेवलिन मिसाइल के अपने सटीक निशाने से रूसी टैंको के परखच्चे उड़ा देते हैं. इस मिसाइल की रेंज 2500 मीटर तक होती है.
फायर एंड फॉरगेट हथियार जैवलिन मिसाइल
जैवलिन मिसाइल फायर एंड फॉर्गेट हथियार है. ये फायर करने से पहले से ही अपने टारगेट को लॉक कर देता है. इसके बाद सेल्फ गाइडेड मिसाइल दुशमन के टारगेट को जलाकर राख कर देती है. फायर करने के बाद से मिसाइल के टारगट तक पहुंचने में इतना वक्त होता है कि सैनिक इस दौरान छिप भी सकता है. जैवलिन मिसाइलें 160 मीटर की ऊंचाई में भी जा सकती है. इसकी लंबाई 108.1 सेमी है. वहीं, मिसाइल लॉन्चर का वजन 22.3 किलोग्राम है. मिसाइल लॉन्चर डे और नाइट विजन साइट से लैस होता है. लक्ष्य को साधने के लिए मिसाइल इंफ्रा रेड तकनीक का इस्तेमाल करती है.
अमेरिका ने दिया था ये ‘ब्रह्मास्त्र‘
आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन की जंग के एक साल पूरे होने के मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अचानक राजधानी कीव पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने यूक्रेन को रक्षा पैकेज देने का ऐलान किया था. इस पैकेज में आर्मर्ड व्हीकल, रॉकेट सिस्टम, हॉवित्जर तोप, मिसाइलें जैसे सैन्य उपकरण शामिल थी.
अब भारत में बनेगी ये मिसाइल
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की हाल ही में भारत यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने FGM-148 Javelin हथियार के संयुक्त उत्पादन के लिए कई प्रस्तावों पर चर्चा की है, जिसमें भारतीय सेना के लिए जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम शामिल है. अगर दोनों देशों के बीच बात बन जाती है तो भारत के पास भी ये ‘ब्रह्मास्त्र‘ होगा.
FGM-148 Javelin कितना असरदार है?
अमेरिका के डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर रेथियॉन और अमेरिकी हथियार कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने FGM-148 Javelin का निर्माण किया है. इसे कंधे पर रखकर दागा जा सकता है. इस हथियार की सबसे बड़ी खासियत ये है, कि ये युद्ध के मैदान में किसी भी टैंक या मोबाइल वाहन को भेदने की क्षमता रखता है. यह हेलीकॉप्टरों को भी मार गिराने की क्षमता रखता है.
10 सालों से भारत खोज रही ये हथियार
भारतीय सेना करीब एक दशक से कंधे से दागे जाने वाले हथियार की तलाश कर रही है. भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए अमेरिका ने जैवलिन एंटी टैंक मिसाइल को भारत में ही बनाने की पेशकश की है. दोनों देश मिलकर भारत में ही इस मिसाइल के उत्पादन पर विचार कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच इस मसले पर हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक भी हुई है. अगर बात बन गई तो भारत की बल्ले-बल्ले.
अमेरिका ने यूक्रेन को दिया 10,000 जैविलन हथियार, जानें कीमत
पेंटागन के मुताबिक अमेरिका ने यूक्रेन को 10,000 से ज्यदा जैवलिन सिस्टम की आपूर्ति की है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस हथियार ने यूक्रेन की पैदल सेना को, रूस की विनाशक मशीनी हथियारों को मार गिराने की अभूतपूर्व क्षमता दी. एक FGM-148 जैवलिन की कीमत करीब 176,000 डॉलर (एक करोड़ 47 लाख रुपये) है. अगस्त 2023 के अंत में अमेरिकी रक्षा दिग्गज लॉकहीड मार्टिन ने कहा था, कि वह अमेरिकी रक्षा कॉन्ट्रैक्टर रेथियॉन के साथ मिलकर काम करते हुए, 2026 तक मौजूदा जैवलिन उत्पादन दर को 2,100 प्रति वर्ष से लगभग दोगुना करके 4,000 तक करने की योजना बना रहे हैं.