'बटेंगे तो कटेंगे' के जवाब में आया 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे', लखनऊ में अखिलेश के चेहरे के साथ लगा पोस्टर
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'बटेंगे तो कटेंगे' के जवाब में आया 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे', लखनऊ में अखिलेश के चेहरे के साथ लगा पोस्टर

Akhilesh Yadav: 2027 में उत्तर प्रदेश के अंदर होने वाले विधानसभा चुनाव कितना दिलचस्प होंगे उसका अंदाजा अभी से लगाया जा सकता है. पार्टी समर्थकों ने तरह-तरह को पोस्टर चिपकाने शुरू कर दिए हैं. हाल ही में अखिलेश यादव के चेहरे के साथ एक नया पोस्टर सामने आया है. 

'बटेंगे तो कटेंगे' के जवाब में आया 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे', लखनऊ में अखिलेश के चेहरे के साथ लगा पोस्टर

Judenge to jeetenge: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे' पर सियासत कम होने का नाम नहीं ले रही है. जगह-जगह 'बंटेंगे तो कटेंगे' पोस्टर लगे देखे जा सकता हैं. यहां तक कि महाराष्ट्र चुनाव में इस तरह के पोस्टर लगे देखे हैं लेकिन अब इस कड़ी में अखिलेश यादव भी सामने आ गए हैं. जी हां सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव का एक पोस्टर वायरल हो रहा है. जिसमें 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे' लिखा हुआ है. 

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के चेहरे के साथ यह पोस्टर लगवाया है. जिस पर लिखा है,'जुड़ेंगे तो जीतेंगे'. पोस्टर वॉर के बीच सपा समर्थकों का यह नया पोस्टर चर्चा का विषय बन गया है. इससे कुछ दिन पहले सपा की तरफ से एक और पोस्टर सामने आया था जिसपर लिखा था,'न बटेंगे, न कटेंगे.' इससे भी पहले अखिलेश यादव के चेहरे के साथ एक और पोस्टर खूब वायरल हुआ था, जिसपर लिखा था,'27 का सत्ताधीश'.

दिलचस्प होगा 27 का चुनाव:

सपा के '27 का सत्ताधीश' के जवाब में निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद के लिए एक पोस्टर सामने आया. जिसपर लिखा था,'27 के खेवनहार'. 2027 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले ही शुरू इस पोस्टर वॉर ने यह साफ बता दिया है कि इस बार राज्य का चुनाव कितना दिलचस्प होने वाला है. 

'पुलिस के ज़रिए प्रदेश चलाना चाहती है BJP'

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी पुलिस के जरिए उत्तर प्रदेश चलाना चाहती है. उन्होंने कहा कि भाजपा राज में अन्याय की हदें पार की जा रही हैं और पुलिस ने उन लोगों को भी नहीं बख्शा जिनके हाथ में न्याय की किताब थी. अखिलेश आगे कहते हैं कि भाजपा ने वकीलों के साथ बर्बर व्यवहार किया. पुलिस ने वकीलों को कोर्ट रूम में घेर लिया और हिंसक व्यवहार किया. कई वकीलों को गंभीर चोटें आई हैं.

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