Kanchanjunga Express Loco Pilot wife: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में पिछले महीने हुए ट्रेन हादसे में कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकराने वाली मालगाड़ी के लोको पायलट की मौत हो गई थी. अब एक महीने बाद रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (CCSR) की रिपोर्ट ने दुर्घटना के लिए लोको पायलट को दोषमुक्त करने के बाद उनकी पत्नी सामने आई हैं.
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Kanchanjunga Train Accident: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में पिछले महीने 17 तारीख को कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी, जिसमें मालगाड़ी के लोको पायलट की मौत हो गई थी. अब एक महीने बाद रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (CCSR) की रिपोर्ट ने दुर्घटना के लिए लोको पायलट को दोषमुक्त कर दिया है, जिसके बाद उकी पत्नी सामने आई हैं और कहा है कि अब उनकी आत्मा को शांति मिलेगी. बता दें कि रंगपानी और निजबारी स्टेशन के बीच कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी, जिसके बाद ट्रेन के डिब्बे मालगाड़ी के इंजन पर चढ़ गए. इस हादसे में मालगाड़ी के लोको पायलट समेत 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 43 लोग घायल हुए थे.
जान गंवाने वाले लोको पायलट की पत्नी का दर्द
रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (CCSR) की रिपोर्ट में दोषमुक्त किए जाने के बाद मालगाड़ी के लोको पायलट अनिल कुमार के शोकाकुल परिवार को राहत मिली है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अनिल कुमार की विधवा पत्नी रोशनी ने अपना दर्द शेयर किया है और बताया है कि ट्रेन की टक्कर के कुछ ही घंटों के भीतर मेरे पति को दुर्घटना के लिए दोषी ठहरा दिया गया. अभी भी उनकी मौत का शोक मना रहे हैं, हम यह सुनकर स्तब्ध हैं कि जांच शुरू होने से पहले ही अनिल को जिम्मेदार ठहरा दिया गया. लेकिन, हमें खुशी है कि रेलवे ने उचित जांच की और उन्हें निर्दोष करार दिया. अब उसकी आत्मा को शांति मिलेगी.
पहले लोको पायलट को ठहराया गया था जिम्मेदार
कंचनजंगा एक्सप्रेस को मालगाड़ी द्वारा पीछे से टक्कर मारे जाने के दो घंटे के भीतर ही रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा और अन्य रेलवे अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंच गए थे कि 'मृत लोको पायलट' और उनके घायल सहायक की गलती थी. सीसीआरएस की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस की मौजूदगी के बावजूद मालगाड़ी के लोको पायलट को सेक्शन पर जाने की अनुमति दी गई और बिना किसी सतर्कता आदेश के सभी दोषपूर्ण सिग्नलों को पार करने के लिए उन्हें गलत मेमो थमा दिया गया.
78 किलोमीर की रफ्तार से चल रही थी मालगाड़ी
जांच में पाया गया कि मालगाड़ी 78 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, जब उसके लोको पायलट ने कंचनजंघा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से को देखा और आपातकालीन ब्रेक लगाया. लेकिन, मालगाड़ी कंचनजंघा एक्सप्रेस से टकराने से पहले केवल 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक ही धीमी हो सकी. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि लोको पायलट अनिल कुमार ने 5 मिनट में 10 बार थ्रॉटल एडजस्ट किया था, जो उनकी सतर्कता को दर्शाता है.
लोको पायलट के पड़ोसियों ने क्या कहा?
पड़ोसियों ने कहा कि उन्हें हमेशा से लगता था कि अनिल कुमार की कोई गलती नहीं हो सकती, क्योंकि उनका करियर बेदाग रहा है और उनकी ईमानदारी की प्रतिष्ठा भी अच्छी रही है. पड़ोसी काजल दास ने कहा, 'दुर्घटना के लिए एक मृत व्यक्ति को दोषी ठहराना अनुचित था, खासकर तब जब वह खुद का बचाव करने में असमर्थ रहे. हमें राहत है कि सच्चाई सामने आ गई है.'
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि लोको पायलट अनिल कुमार के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. एनएफआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'पेंशन का आदेश भी जारी कर दिया गया है और जल्द ही ग्रेच्युटी का भुगतान कर दिया जाएगा. चूंकि उनके बेटे अभी नाबालिग हैं, इसलिए उनमें से एक को वयस्क होने पर रेलवे में नौकरी की पेशकश की जाएगी.'