वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट में सुनवाई आज
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वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट में सुनवाई आज

कोर्ट तय करेगा कि ये केस सिविल कोर्ट में चलेगा या वक्फ ट्रिब्यूनल लखनऊ में? हालांकि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने पहले ही जिला जज की अदालत में सिविल कोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल कर रखी है.

(फाइल फोटो)

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज (मंगलवार) जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी. सुनवाई में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिका के एडमिट होने के साथ बहस शुरू होने पर फैसला लिया जाएगा. कोर्ट तय करेगा कि ये केस सिविल कोर्ट में चलेगा या वक्फ ट्रिब्यूनल लखनऊ में? हालांकि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने पहले ही जिला जज की अदालत में सिविल कोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल कर रखी है.

  1. काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज सुनवाई होगी
  2. ज़ी न्यूज़ ने 83 साल पुराना वो दस्तावेज ढूंढ निकाला है
  3. इसके बाद कह सकते हैं मंदिर तोड़कर ही ज्ञानवापी मस्जिद बनी थी

Zee News ढूंढ निकाला 83 साल पुराना दस्तावेज
ज़ी न्यूज़ के पास कुछ तथ्यात्मक जानकारी है, जिसके आधार पर आप भी कह सकते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर को तोड़कर ही बनाई गई थी. वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर पर हिंदुओं की आस्था है और यह दलीलों का सबसे बड़ा आधार रही है, लेकिन ज़ी न्यूज़ ने 83 साल पुराना वो दस्तावेज ढूंढ निकाला है, जो इस विवाद नया मोड़ दे सकती है.

1937 में आया था यह फैसला
काशी विश्वनाथ विवाद में जो मुकदमा अभी चल रहा है उसकी शुरुआत साल 1991 में हुई थी, यानी ये लगभग 30 साल पुराना मुकदमा है. लेकिन ये कानूनी विवाद कई दशक पुराना है. स्वतंत्रता से पहले साल 1936 में भी ये मामला कोर्ट में गया था. तब हिंदू पक्ष नहीं, बल्कि मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला अदालत में याचिका दायर की थी. ये याचिका दीन मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति ने डाली थी और कोर्ट से मांग की थी कि पूरा ज्ञानवापी परिसर मस्जिद की जमीन घोषित की जाए. इसके बाद साल 1937 में इस पर फैसला आया, जिसमें दीन मोहम्मद के दावे को खारिज कर दिया गया, लेकिन विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी गई.

अंग्रेजों ने पेश किया था विश्वनाथ मंदिर का नक्शा
केस की सुनवाई के दौरान अंग्रेज अफसरों ने साल 1585 में बने प्राचीन विश्वनाथ मंदिर का नक्शा पेश किया, इसमें बीच का जो हिस्सा है वही पर प्राचीन मंदिर का गर्भगृह बताया जाता है. इस नक्शे को कोर्ट में पेश करते हुए अंग्रेज अफसरों ने बताया था कि इसके ही कुछ हिस्से में मस्जिद बना दी गई है.

ज्ञानकूप के उत्तर में है भगवान विश्वनाथ का मंदिर
साल 1937 में वाराणसी जिला अदालत का जो फैसला आया था, उसमें एक जगह जज ने कहा है कि ज्ञानकूप के उत्तर में ही भगवान विश्वनाथ का मंदिर है, क्योंकि कोई दूसरा ज्ञानवापी कूप बनारस में नहीं है. जज ने यह भी लिखा था कि एक विश्वनाथ मंदिर है और वो ज्ञानवापी परिसर के अंदर ही है. इसी मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर एएस आल्टेकर का बयान दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने स्कंद पुराण समेत कई प्राचीन ग्रंथों का हवाला देते हुए बताया था कि ज्ञानवापी कूप के उत्तर में ही भगवान विश्वनाथ का ज्योतिर्लिंग है.

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