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International Press Against Kashmir Files: विवेक अग्निहोत्री के मुताबिक मूवी के रिलीज के 2-3 हफ्ते बाद कई विदेशी पत्रकारों ने उन्हें विदेशी संवाददाता क्लब में पीसी करने के लिए कहा. ये पीसी 5 मई को होनी थी लेकिन क्लब के प्रेसिडेंट ने ज़ी को और उन्हें फोन करके कहा कि विदेशी मीडिया (International Media) ने कुछ एतराज जताते हुए कहा कि अगर ये पीसी हुई तो हम मास रिजाइन कर देंगे.
यही अंतरराष्ट्रीय प्रेस भारत (India) की इमेज खराब करती है. अग्निहोत्री कहते हैं कि किसी ने फिल्म नहीं देखी. बस हिंदू-मुस्लिम से संबंधित सवाल पूछते थे. किसी ने कश्मीर विक्टिम से बात करने की जहमत नहीं की. केवल दो सवाल- मुस्लिम (Muslim) और मोदी (Modi). विकिपीडिया पेज को भी बदल दिया गया और लिख दिया गया कि ये एक काल्पनिक कहानी है. इंटरनेशनल मीडिया को पीड़ितों की गवाही रिकॉर्ड करनी चाहिए थी लेकिन ये नहीं किया गया. वो चाहते हैं कि फिल्म की विश्वसनीयता खराब हो. ये भी फैलाया गया है कि सरकार ने इस फिल्म को फंड किया है.
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विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि मैं साफ कर दूं कि फिल्म 4 साल से बन रही है. फिल्म रिलीज के 4 दिन में ही हिट हो गई थी और तब तक सब ठीक था. लेकिन रिलीज के 5 दिन बाद पीएम (PM Modi) ने इसका जिक्र किया तो नैरेटिव ही बदल दिया गया. कई फिल्में कश्मीर के आतंकवाद पर बनी हैं. ये मूवी 1985-1990 का कश्मीर दिखा रही थी. किसी फिल्म ने हिंदू नरसंहार (Hindu Genocide) की बात नहीं की. ऐसी फिल्में आतंकियों को हीरो दिखाती रहीं. तब किसी ने नहीं कहा कि इन फिल्मों को आतंकी फंड कर रहे हैं. हमें इस्लामोफोबिया (Islamophobia) का शिकार बताया गया. मैं कहना चाहता हूं कि ये शब्द राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. ये अंतर्राष्ट्रीय साजिश है.
फिल्म में कहीं मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. ये फिल्म शिवा और अब्दुल की दोस्ती की कहानी है. पुष्करनाथ अब्दुल को बचाते हैं. फिल्म के एक प्रोड्यूसर मुस्लिम हैं और यूनिट में ज्यादातर मुस्लिम हैं. कश्मीर में सभी मुस्लिम यूनिट थी, क्या सब इस्लामोफोबिक हैं? हम अमेरिका में दो महीने रहे. 16 शहरों में फिल्म चली. ये कैंपेन चलाने वाले एक मुस्लिम हैं. हमारा गीत 'हम देखेंगे' पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज (Faiz Ahmad Faiz) का लिखा हुआ है. कश्मीर के एक नूर मोहम्मद का गीत हमने फिल्म में लिया है. कश्मीर के कुछ मुस्लिम जिन्होंने हमारे साथ डिनर किया, वो बाहर आने से डर रहे हैं क्योंकि उनके खिलाफ फतवे जारी किए गए हैं. मुझे सीआरपीएफ की सिक्योरिटी देना पड़ी, क्यों इसकी जरूरत पड़ी. प्रेस क्लब में कार्यक्रम रद्द करने पर अग्निहोत्री ने अंतर्राष्ट्रीय साजिश का आरोप लगाया है.
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पल्लवी जोशी (Pallavi Joshi) ने बताया कि कश्मीर फाइल्स 36 संगठनों से जुड़ी हुई है. हार्वर्ड/मैसाचुसेट्स जैसी यूनिवर्सिटी ने हमें बुलाया. इस फिल्म को अमेरिका (US) से अच्छे रिव्यूज मिले हैं. 2019 में हम यूएस गए थे, वहां टाइम्स स्क्वायर पर फ्री कश्मीर (Free Kashmir) के पोस्टर लगे थे. ये दुनिया की सबसे महंगी विज्ञापन साइट है. इस साल 26 जनवरी को फिल्म को पसंद करने वाले फैंस ने खुद पैसे इकट्ठे करके वहां पूरे कश्मीर का मैप लगवाया जो वहां दो दिन तक लगा रहा.
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