सरकार ने अलगाववादी संगठन पर लगाया प्रतिबंध, कश्मीरी पंडितों ने कहा- थैंक्यू मोदी जी
बयान में कहा गया है कि यह ‘‘जीत’’ (जेकेएलएफ पर प्रतिबंध) पूरे कश्मीरी पंडित समुदाय के बलिदान और कड़ी मेहनत के कारण हासिल की गई है.
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नई दिल्ली: एक कश्मीरी संगठन ने अलगाववादी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर प्रतिबंध लगाये जाने के केन्द्र के कदम का रविवार को स्वागत किया. एक बयान में कहा गया है कि भारत और विदेशों में कश्मीरी पंडित संगठनों की एक संयुक्त संस्था ‘ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायसपोरा’ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके इस ‘‘साहसिक और ईमानदार कदम’’ के लिए धन्यवाद दिया. बयान में कहा गया है कि यह ‘‘जीत’’ (जेकेएलएफ पर प्रतिबंध) पूरे कश्मीरी पंडित समुदाय के बलिदान और कड़ी मेहनत के कारण हासिल की गई है.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने कहा कि कई हिंसक कृत्यों और 1988 से आतंकवाद प्रभावित राज्य में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के कारण यासीन मलिक नीत जेकेएलफ पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया गया था.
यासीन मलिक के संगठन JKLF पर दर्ज हो चुकी हैं 37 एफआईआर
मोदी सरकार ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के खिलाफ सख्त कदम उठाते हूए शुक्रवार को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंधित कर दिया. संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है. वहीं, यासीन मलिक गिरफ्तार फिलहाल वह जम्मू की कोट बलवल जेल में बंद है. मलिक को 22 फरवरी को हिरासत में लिया गया था. यह जम्मू-कश्मीर में दूसरा संगठन है जिसे इस महीने प्रतिबंधित किया गया है. इससे पहले, केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर प्रतिबंध लगा दिया था.
अधिकारियों ने बताया कि संगठन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को कथित तौर पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. गृह सचिव राजीव गौबा ने बताया कि जेकेएलएफ को प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि सरकार की आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति है. उन्होंने यह भी बताया कि जेकेएलएफ के खिलाफ जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने 37 एफआईआर दर्ज की हैं. दो मामले वायुसेना के कर्मी की हत्या से जुड़े हैं जिसकी एफआईआर सीबीआई ने दर्ज की थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी केस दायर किया है जिसकी जांच चल रही है.
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