Himachal Pradesh Flood: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में ब्यास और सतलज नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं. बड़े-बड़े घर, मंदिर, सड़कें और पुल सैलाब में समाते चले जा रहे हैं. चारों तरफ तबाही का मंजर है और हालात केदारनाथ त्रासदी जैसे बनते जा रहे हैं.
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Kedarnath Tragedy: हिंदुस्तान के बड़े हिस्से में इन दिनों आसमान से आफत बरस रही है. खासकर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बारिश (Rainfall) और बाढ़ (Flood) से हाहाकार मचा हुआ है. हिमाचल की तस्वीर 10 साल पुरानी केदारनाथ त्रासदी (Kedarnath Tragedy) की याद दिला रही है. यहां कमोबेश कुछ ऐसे ही हालात बन गए हैं, जैसे 2013 में केदारनाथ के थे. केदारनाथ घाटी में बादल फटने के बाद भीषण बाढ़ आ गई थी, जिसकी चपेट में आने से सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी. जबकि हजारों मकान और दुकान बर्बाद हो गए थे और अब कुछ ऐसी ही तस्वीर हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों से आ रही है, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि क्या हिमाचल पर केदारनाथ संकट मंडरा रहा है.
हिमाचल के मंजर ने डराया
हिमाचल प्रदेश से पिछले दो दिनों में बाढ़ की ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिससे पूरा हिंदुस्तान सहमा हुआ है. हिमाचल का बड़ा हिस्सा बाढ़ की विभिषिका झेल रहा है. अब तक दर्जनों घर बह चुके हैं. गाड़ियां सैलाब में समा रही हैं. उफनती नदियों का शोर लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर रहा है. सैकड़ों किलो वजनी लोहे का पुल लहरों के आगे बेबस नजर आ रहा है. मंदिर-गुरुद्वारे सब के सब नदी के वेग में समाते जा रहे हैं. बाढ़-बारिश और लैंडस्लाइड की चपेट में आने से अब तक 22 जान जा चुकी है.
आसमानी आफत से हालात हुए खराब
हिमाचल के चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मनाली, मंडी में भारी बारिश हो रही है जबकि ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर और लाहौल-स्पीति में आगे तेज बारिश होने की संभावना है. हिमाचल में आसमानी आफत से हालात इतने खराब हो चुके हैं कि स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़ गए. हाइवे पर ट्रैफिक रोक दिया गया और सरकार को अपील करनी पड़ी कि जरूरी हो तभी अपने घरों से निकलें.
क्या होगा केदारनाथ जैसा हाल?
पिछले दो दिनों में हिमाचल से कुछ ऐसी ही तस्वीरें आ रही हैं, जैसी 10 साल पहले यानी 16 जून 2013 को केदारनाथ त्रासदी के दौरान आई थी. पहाड़ों से उतरता काला मटमैला पानी रौद्र रूप अख्तियार करता हुआ अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहा ले जाने पर आमादा है. इन दो तस्वीरों में आप बाढ़ की विभिषिका और तबाही के मंजर की समानता को साफ-साफ देख सकते हैं.
मकान-दुकान-शहर सब हो गया तबाह!
2013 में केदारनाथ त्रासदी आई थी तो उसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी जबकि हजारों घर और दुकानें तबाह हो गई थी. इतना ही नहीं कई गांव और शहर पूरी तरह बर्बाद हो गए थे. और अब ठीक 10 साल बाद जुलाई के महीने में बाढ़-बारिश से तबाही और बर्बादी की ऐसी ही तस्वीरें हिमाचल के कई हिस्सों में दिखाई दे रही हैं. हिमाचल में मची तबाही की तुलना केदारनाथ त्रासदी से इसलिए भी की जा रही है क्योंकि उस वक्त भी कुछ ऐसे ही हालात बने थे, जैसे इन दिनों हैं.
क्यों हो रही है इतनी ज्यादा बारिश?
मौसम जानकारों के मुताबिक, मॉनसूनी हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ की टक्कर से ऐसी खतरनाक स्थिति हुई है. 2013 में उत्तराखंड की बाढ़ के समय भी ऐसे ही दो सिस्टम की टक्कर हुई थी. एक्सपर्ट का कहना है कि पहाड़ों पर हवाओं के टक्कर की घटनाएं बढ़ रही हैं. गर्म हवाओं की इस टक्कर से काफी ज्यादा बारिश और बाढ़ आ सकती है. जैसा कि दस साल पहले केदारनाथ त्रासदी के दौरान हुआ था और अब हिमाचल के साथ-साथ उत्तराखंड के पहाड़ों में भी ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं. वैसी ही तेज बारिश और बाढ़ से हर तरफ तबाही मची है.
केदारनाथ जैसे क्यों बने हालात?
अब हिमाचल के हालात से केदारनाथ त्रासदी के समानता की वजह समझ लीजिए. पिछले दो दिनों में उत्तर भारत में दो वेदर सिस्टम एक्टिव रहे. राजस्थान से उत्तरी अरब सागर तक मॉनसूनी परिस्थितियां बनी. पश्चिमी विक्षोभ के साथ कम वायुमंडलीय दबाव का लंबा क्षेत्र बना, जिसके चलते बंगाल की खाड़ी से आ रही हवाएं नॉर्थ की तरफ आगे बढ़ीं. इन हवाओं का केंद्र शनिवार को जम्मू-कश्मीर और रविवार को हिमाचल में रहा. इन इलाकों को अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी मिली. जिसका नतीजा हिमाचल में भारी बारिश के रूप में सामने आया.
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