राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के जरिए दिल्ली में राशन माफिया को खत्म करना दिल्ली सरकार का सपना है. इस योजना को लागू करने पर जब केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई तो AAP ने योजना का नाम ही बदल दिया.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार का घर तक राशन पहुंचाने की योजना (Door Step Delivery of Ration Card) का कोई नाम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हम केंद्र की सभी शर्तों को स्वीकार करेंगे, लेकिन योजना में किसी भी तरह की बाधा नहीं आने देंगे.
दरअसल, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को चिट्ठी लिखते हुए दिल्ली सरकार की महत्वकांक्षी योजना पर रोक लगा दी. चिट्ठी में कहा गया, 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' को लागू नहीं करें. साथ ही किसी राज्य को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत आवंटन के इस्तेमाल की अनुमति देने से भी रोक लगा दी.' सीएम केजरीवाल के अनुसार, केंद्र ने चिट्ठी में योजना के नाम पर आपत्ति जताई है और कहा है कि इसका नाम‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ नहीं रखें.
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केजरीवाल ने कहा, 'ऐसा प्रतीत हो रहा है कि केंद्र को मुख्यमंत्री शब्द पर आपत्ति है. लेकिन मैं साफ करना चाहूंगा कि हमने श्रेय लेने के लिए ऐसा नहीं किया है. अगर केंद्र को आपत्ति है तो अब योजना का कोई नाम नहीं होगा. यह अब कोई योजना नहीं है. मेरा मानना है कि इस फैसले से केंद्र को जो भी आपत्ति थी वह दूर हो गई और अब वे हमें इसे लागू करने की अनुमति देंगे. सोमवार को कैबिनेट की बैठक होगी और इसके प्रस्ताव केंद्र के पास भेजे जाएंगे.'
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दिल्ली सीएम ने दावा किया कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से राशन माफिया को हटाकर गरीब लोगों को सीधे राशन पहुंचाया जा सकेगा. हम 20-22 वर्षों से इस योजना के सपने देख रहे हैं और पिछले दो-तीन वर्षों से व्यक्तिगत तौर पर मैं इसकी तैयारी कर रहा था. लेकिन केंद्र की तरफ से आपत्ति करने के बाद हमारा दिल डूब गया. अब हम इसके रास्ते में कोई बाधा नहीं आने देंगे और उनकी सभी शर्तों को मानेंगे.
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