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तिरुवनंतपुरम: भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण हेतु चंदा जुटाने के लिए अब केरल में कांग्रेस (Congress) के नेता भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे ही एक नेता हैं - अलाप्पुझा जिला कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष रघुनाथन पिल्लै. उन्होंने मंदिर निर्माण की खातिर चंदा इकट्ठा करने के लिए (30 जनवरी से लेकर 28 फरवरी तक) एक मुहिम शुरू की है. इस प्रयास के लिए वह अब विवादों में भी घिरते नजर आ रहे हैं. आरएसएस (RSS) कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से धन जुटाने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिल रहे हैं.
कम्युनिस्ट पार्टी के निशाने पर कांग्रेस
कांग्रेस नेता रघुनाथन पिल्लै ने मंदिर के मुख्य पुजारी को दान सौंपकर अलाप्पुझा के कदविल मंदिर में राम मंदिर (Ram Mandir) निधि संग्रह अभियान की शुरुआत की थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता अब पिल्लै के खिलाफ मुखर होने लगे हैं. माकपा के राज्य सचिव ए विजयराघवन ने कहा, कांग्रेस (Congress) और आरएसएस-भाजपा 'गठबंधन' ने केरल में हमेशा जुड़वां बच्चों की तरह काम किया है और यह केरल के राजनीतिक कार्यकतार्ओं के लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है. कई कांग्रेस नेता हमेशा से ऐसा करते रहे हैं. कांग्रेस को ऐसा करने के बाद धर्मनिरपेक्षता के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है.
क्या कहना है कांग्रेस का
हालांकि पिल्लै ने कहा कि इस विवाद का कारण कांग्रेस में आंतरिक प्रतिद्वंद्विता है. उन्होंने पल्लीपुरम पट्टार्य समाजम के अध्यक्ष के रूप में कार्यक्रम का शुभांरभ किया था और उनका सार्वजनिक जीवन सभी के सामने है. केपीसीसी (केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के महासचिव ए.ए. शुकूर ने भी पिल्लै का बचाव करते हुए कहा कि पिल्लै एक सच्चे आस्तिक हैं और उन्होंने समाजम के अध्यक्ष के रूप में समारोह का उद्घाटन किया था और इस पर विवाद खड़ा करने की कोई आवश्यकता नहीं है. रघुनाथन एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं और उन्होंने हमेशा आरएसएस (RSS) का विरोध किया है. यह विवाद अनावश्यक है.
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