किरण बेदी को राष्‍ट्रपति ने पुडुचेरी के LG पद से हटाया, ये वजह आई सामने
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किरण बेदी को राष्‍ट्रपति ने पुडुचेरी के LG पद से हटाया, ये वजह आई सामने

पुडुचेरी में एक और विधायक के सदस्यता से इस्तीफे के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया है. इस मौके का फायदा उठाते हुए विपक्ष ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के इस्तीफ की मांग की है.

(File Photo)

पुडुचेरी: पुडुचेरी की उपराज्यपाल (LG) किरण बेदी (Kiran Bedi) को पद से हटा दिया गया है. तेलंगाना की राज्यपाल को पुडुचेरी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. किरण बेदी को 29 मई 2016 को उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था. आपको बता दें कि पुडुचेरी की कांग्रेस सरकार और किरण बेदी में लंबे समय से टकराव चल रहा था. सीएम वी. नारायणस्वामी (V Narayanswami) ने 10 फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपकर उनसे पूर्व आईपीएस अधिकारी को वापस बुलाने का अनुरोध किया था. उस वक्त उन्होंने दावा किया कि वह 'तुगलक दरबार' चला रही हैं.

  1. पुडुचेरी के एलजी पद से हटाई गईं किरण बेदी
  2. तेलंगाना की राज्‍यपाल टी सौंदर्यराजन को प्रभार
  3. कांग्रेस सरकार से चल रहा था बेदी का टकराव

राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार ने एक बयान में कहा, ' राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि डॉ. किरण बेदी अब पुडुचेरी की उपराज्यपाल नहीं रहेंगी. उन्होंने तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन को अपने दायित्वों का निर्वहन करने के साथ ही पुडुचेरी के उपराज्यपाल की जिम्मेदारी निभाने के लिए नियुक्त किया है. यह नयी जिम्मेदारी उनके नये उपराज्यपाल के पदभार ग्रहण करने के बाद से प्रभावी हो जाएगी और वह पुडुचेरी के उपराज्यपाल की नियमित व्यवस्था कर लिये जाने तक इस पद पर रहेंगीं.'

 

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पुडुचेरी में सियासी संकट

पुडुचेरी (Puducherry) में एक और विधायक के सदस्यता से इस्तीफे के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया है.मौजूदा सदन में कांग्रेस नीत गठबंधन के अब 14 विधायक रह गए हैं. इस मौके का फायदा उठाते हुए विपक्ष ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि सरकार अल्पमत में है. पुडुचेरी की 33 सदस्यीय विधानसभा में अब विपक्ष के सदस्यों की संख्या भी 14 है. हालांकि, नारायणसामी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए दावा किया कि उनकी सरकार को सदन में ‘बहुमत’ हासिल है.बता दें कि पुडुचेरी विधानसभा के लिए अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं.

अब इस MLA ने किया किनारा

पुडुचेरी के कांग्रेस विधायक ए जॉन कुमार ने मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, इसके साथ ही गत एक महीने में वह चौथे विधायक हो गए हैं जिन्होंने विधायक पद छोड़ा है. कुमार के इस्तीफे के साथ ही विधानसभा में स्पीकर सहित कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 10 सदस्य रह गई है.जबकि उसके सहयोगी द्रमुक के तीन सदस्य हैं एवं निर्दलीय सदस्य भी नारायणसामी की सरकार को समर्थन दे रहा है. सदन में प्रभावी सदस्यों की संख्या के आधार पर बहुमत का आंकड़ा 15 है. पुडुचेरी विधानसभा का चुनाव अप्रैल में होने की उम्मीद है क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 21 जून 2021 को खत्म हो रहा है.

राहुल गांधी के प्रचार अभियान की शुरुआत से पहले झटका

कांग्रेस विधायक के इस्तीफे का घटनाक्रम पार्टी नेता राहुल गांधी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने आने के एक दिन पहले हुआ है. कुमार के इस्तीफा के बाद मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस के 10, द्रमुक के तीन, ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के सात, अन्नाद्रमुक के चार, भाजपा के तीन (सभी नामांकित एवं मत देने का अधिकार रखते हैं) और एक निर्दलीय विधायक रह गया है. कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दिया है जबकि एक विधायक को अयोग्य ठहराया गया है. कुमार ने कहा, ‘ मैंने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है.मैं इसकी चिट्ठी पुडुचेरी कांग्रेस समिति अध्यक्ष ए सुब्रमण्यम को भेज रहा हूं.’ नारायणसामी के खासमखास रहे कुमार 2019 में ही कामराज सीट से उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.

इस तरह हिली सत्ता की जमीन

कांग्रेस पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि संभव है कि कुमार भाजपा में शामिल हों, क्योंकि माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा ने जिस तरह से तृणमूल नेताओं के पार्टी में शामिल कराया है उसी को वह पुडुचेरी में दोहराएगी, हालांकि, यहां पर यह बड़े पैमाने पर नहीं होगा. पिछले महीने भाजपा अध्यक्ष ने यहा एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस भ्रष्टाचार में डूबी है और केंद्र शासित प्रदेश में 30 में से 23 से अधिक सीटों पर जीतकर सत्ता में आने का दावा किया था.

कांग्रेस से विधायकों के इस्तीफे की शुरुआत पिछले महीने मंत्री ए नमास्सिवयम और ई थीप्पैनजान से शुरू हुई बाद में दोनों भाजपा में शामिल हो गए. मंत्री मल्लाडी कृष्णा राव ने भी सरकार से पहले इस्तीफा दिया और फिर सोमवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया.पिछले साल जुलाई में एन धानवेलु को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से अयोग्य करार दिया गया था.

नारायणसामी ने खारिज किया दावा

नेता प्रतिपक्ष एन रंगासामी ने मंगलवार को नारायणसामी सरकार से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘सत्तारूढ़ दल के विधायक के इस्तीफे के बाद सरकार ने बहुमत खो दिया है.मुख्यमंत्री को स्वेच्छा से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.’ इस बीच नारायणसामी ने दावा किया कि सरकार को सदन में ‘बहुमत’ हासिल है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘हमारे विधायक एकजुट हैं. विपक्ष द्वारा सरकार से इस्तीफे की मांग उचित नहीं है. हम संवैधानिक प्रावधानों के तहत कार्य करेंगे.’

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