कार्तिक की उम्र 18 वर्ष है और वह क्लास 12 में पढ़ रहे हैं. रोज 7 से 8 घंटे उन्हें ऑनलाइन क्लासेज अटेंड करनी पड़ती हैं. जिसकी वजह से उनकी एक्टिविटी घर के भीतर ही है.
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नई दिल्ली: कार्तिक की उम्र 18 वर्ष है और वह क्लास 12 में पढ़ रहे हैं. रोज 7 से 8 घंटे उन्हें ऑनलाइन क्लासेज अटेंड करनी पड़ती हैं. जिसकी वजह से उनकी एक्टिविटी घर के भीतर ही है. इस वजह से कार्तिक लेजी यानी सुस्ती फील कर रहे हैं. वह पहले 6-7 घंटे सोया करते थे, लेकिन अब रात और दिन में मिलाकर 15- 16 घंटे उन्हें नींद आती है. वह खेलने नहीं जा सकते. अपने दोस्तों से नहीं मिल सकते. उनकी आंखों में, सिर और शरीर में बहुत दर्द रहता है. ऐसा कार्तिक के साथ नहीं, बल्कि कई लोगों के साथ हो रहा है. इस समस्या का नाम है लॉकडाउन Fatigue. हर उम्र के लोगों पर इसका असर पड़ रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रहकर कोरोना वायरस (Coronavirus) के साथ ही इस समस्या से भी छुटकारा पाा जा सकता है.
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लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से लोग काफी एक्टिव नहीं है. घर के अंदर सुरक्षित तो हैं लेकिन वे तरोताजा महसूस नहीं कर पा रहे हैं. लोगों को थकान महसूस हो रही है. इसका असर उनके मेंटल और फिजिकल लेवल पर हो रहा है. लॉकडाउन के दौरान खुद को किस तरह एक्टिव और फिट रखना है, आइये जानते हैं इसके बारे में.
लॉक डाउन fatigue की समस्या (symptoms)
1- शरीर का फुर्तीला ना होना
2- नींद की कमी
3- कंसंट्रेशन की कमी
4- एंजाइटी
5-इनडाइजेशन
6- शरीर में दर्द
7- थकान
Fatigue से लड़ने के उपाय
1- घर में ही सही लेकिन एक्टिव रहें
2- खूब पानी पिएं
3- ऑइली फूड से दूर रहें
4- नियमित रूप से व्यायाम करें...
5- एंजाइटी दूर करने के लिए योग और प्राणायाम करें
6- धूप लें या फिर डॉक्टर से सलाह लेकर मल्टीविटामिंस की गोली खाएं
डॉ. वंदना पटेल का कहना है कि लॉकडाउन में लोगों को अलग-अलग तरह की समस्याएं हो रही हैं. अलग-अलग एज ग्रुप के लोगों की समस्याएं भी अलग-अलग हैं. लॉकडाउन में हर कोई घर के भीतर है तो बॉडी का मूवमेंट ना के बराबर है. ऐसे में लोगों को अलग-अलग परेशानियां हो रही हैं. बच्चों पर ऑनलाइन स्टडी का प्रेशर आ गया है .ऑनलाइन क्लासेज करने की वजह से बच्चों को सर दर्द और आंखों में दर्द की समस्या हो रही है. बुजुर्गों में इनडाइजेशन की प्रॉब्लम और एंजाइटी नजर आ रही है. मिडल एज ग्रुप में अपने काम को लेकर, फ्यूचर को लेकर स्ट्रेस यानी तनाव हो रहा है. पूरी हो रही है. वर्क फ्रॉम होम के चलते वर्क लोड बढ़ गया है. घर पर ही सही लेकिन कई घंटों तक कॉल अटेंड करना पड़ता है. उनकी लाइफस्टाइल बदल गई है. महिलाओं पर काम का एक्स्ट्रा बर्डन पड़ गया है. ये लॉक डाउन Fatigue के प्रमुख कारण हैं.
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