संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति, जम्मू और कश्मीर राज्य सरकार की सहमति से निम्नलिखित आदेश दिए हैं
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नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सदन में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश करते हुए जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प पेश किया. जिसके तहत जम्मू कश्मीर पर आर्टिकल 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे. इस विधेयक में गृह मंत्री ने आर्टिकल 370 के खंड 1 के सिवा इस अनुच्छेद के सारे खंडों को रद्द करने की सिफारिश की है. शाह ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक सदन में पेश किया. शाह के बयान के बाद राज्यसभा में हंगामा हो गया. आइये जानते हैं धारा 370 हटाने को लेकर जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन की खास बातें-
संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति, जम्मू और कश्मीर राज्य सरकार की सहमति से निम्नलिखित आदेश दिए हैं-
- इस आदेश का नाम संविधान (जम्मू और कश्मीर पर लागू) आदेश 2019 है.
- यह तुरंत प्रवृत्त होगा और इसके बाद यह समय-समय पर यथा संशोधित संविधान (जम्मू और कश्मीर पर लागू) आदेश, 1954 का अधिक्रमण करेगा.
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समय-समय पर यथा संशोधित संविधान के सभी उपबंध जम्मू और कश्मीर राज्य के संबंध में लागू होंगे और जिन अपवादों और आशोधनों के अधीन ये लागू होंगे वह इस तरह होंगे-
- अनुच्छेद 367 में ये खंड जोड़े जाएंगे-
''(4) संविधान, जहां तक यह जम्मू और कश्मीर के संबंध में लागू है, के प्रयोजनों के लिए.
- (क) इस संविधआन या इसके उपबंधों के निर्देशों को उक्त राज्य के संबंध में यथा लागू संविधान और उसके उपबंधों का निर्देश माना जाएगा.
(ख) जिस व्यक्ति को राज्य की विधानसभा को सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा जम्मू एवं कश्मीर के सदर-ए-रियासत, जो तत्स्थानिक रूप से पदासीन राज्य को मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य कर रहे हैं, के रूप में तत्स्थानिक रूप से मान्यता दी गई है, उनके लिए निर्देशों को जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के दिए निर्देश माना जाएगा.
(ग) उक्त राज्य की सरकार के निर्देशों को, उनकी मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य कर रहे जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के लिए निर्देशों को शामिल करता हुआ माना जाएगा.
(घ) इस संविधान के अनुच्छेद 370 के परंतुक में 'खंड (2) में उल्लिखित राज्य की संविधान सभा' अभिव्यक्ति को 'राज्य की विधानसभा' पढ़ा जाएगा.