R G Kar hospital Violence: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई हिंसा की निंदा की है. यह घटना बुधवार रात को डॉक्टर के रेप के बाद हत्या के विरोध में 'रिक्लेम द नाइट' प्रदर्शन के दौरान हुई थी. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने हिंसा की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया. IMA ने कहा है कि इस तरह की बर्बरता अराजकता की ओर इशारा करती है. IMA ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था के इस पतन के लिए राज्य सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार है. पुलिस की मौजूदगी में इस तरह की हिंसा अस्पताल के अंदर हो, इसके बाद बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं, आप भी पढ़ें वो दस सवाल. जिसके नहीं मिले हैं है अभी तक जवाब.
- 14 अगस्त रात में कोलकाता में सैकड़ों की संख्या में आम लोग सड़क पर उतरकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगा. Social media में अपील के बाद CPM, BJP जैसे विरोधी दल इस कार्यक्रम को स्वागत किया और बिना राजनैतिक झंडे के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की बात कही. रात 10 बजे के बाद से कोलकाता शहर के जंक्शन में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे.
- क्या पुलिस को इसके बारे में पहले से पता नहीं था? फिर क्यों सुरक्षा इंतजाम नहीं किया गया? क्यों पुलिस social media में post करके कम पुलिस रहने का बात क्यों कर रहा है कोलकाता पुलिस?
- पूरे शहर में कहीं पर भी एक भी राजनैतिक झंडा नहीं दिखा. रात के प्रदर्शन में राजनैतिक रंग न लगे इसलिए घोषणा के बाद भी बीजेपी राज्य अध्यक्ष सुकांता मजूमदार, टीएमसी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय रात में सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए. किसी भी जगह एक भी राजनैतिक फ्लैग नहीं दिखा. फिर अस्पताल में हमले के समय cpm के युवा संगठन DYFI और छात्र संगठन SFI का झंडा अचानक कहां से आया? कोलकाता पुलिस ने इस बात को mention करते हुए फेसबुक में पोस्ट करके फिर हटा क्यों दिया?
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- उपद्रवी जब अस्पताल के सामने बैरिकेड तोड़ कर इमरजेंसी तक पहुंचे,पूरा first floor तोड़ा, तब पुलिस कहां थी? वीडियो में देखा जा रहा है, पुलिस भाग रही है. क्या उपद्रवियों को तोड़फोड़ करने के लिए खुला छूट दिया गया?
- दूर से उपद्रवियों का वीडियो बनाते हुए एक रेजिडेंट डॉक्टर दावा कर रहा था कि इमरजेंसी बिल्डिंग को टारगेट किया गया जिससे महिला डॉक्टर की हत्या से जुड़ा प्रमाण नष्ट कर सके. Place of occurrence की सुरक्षा के लिए पुलिस ने ठोस व्यवस्था क्यों नहीं की थी?
- अस्पताल के कर्मचारी अनिल मंडल जो हमले के समय इमर्जेंसी ticket counter में ड्यूटी में थे, उन्होंने zee news से बातचीत में दावा किया कि उपद्रवी पूरी तैयारी के साथ आए थे. सभी के हाथो में लोहे का रॉड था. अगर attack pre planned था तो क्या पुलिस का इंटेलिजेंस काम नहीं किया?
- आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग में पुलिस आउटपोस्ट में थी, तो कैसे उपद्रवी सीसीटीवी सर्वर रूम में जाकर तांडव मचा पाए.
- इसी बिल्डिंग के 3rd फ्लोर में डॉक्टर की बेरहमी से हत्या कर दिया गया. इस बिल्डिंग के सभी सीसीटीवी का कंट्रोल रूम और सर्वर यही पर था. फिर कैसे सुरक्षा में कमी हो गई.
- क्या यह एक सोची समझी साजिश थी कि POC के सर्वर रूम को भी नष्ट किया जाए? जिससे सबूत ही खत्म हो जाए.
- टीएमसी के सेनापति माने जाने वाले ममता बैनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने X handle में post करके पुलिस को अपराधियों को पकड़ने के लिए 24 घंटे समय दिया है. अभिषेक ने डॉक्टरों के साथ खड़े हो कर राज्य सरकार से उनकी सुरक्षा की मांग को जायज बताया है. तो क्या टीएमसी number 2 को कोलकाता पुलिस पर भरोसा नहीं है?
- अभिषेक बनर्जी ने जिस तरह इस मामले में तेजी दिखाई है तो क्या माना जाए बुआ ममता बनर्जी पर भी भरोसा नहीं या दोनों की साजिश है, एक चुप रहेगा, दूसरा एक्टिव.