हिमाचल की सियासत के अखाड़े में दांव-पेंच कैसे बनी संजौली मस्जिद? क्यों मचा है बवाल
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हिमाचल की सियासत के अखाड़े में दांव-पेंच कैसे बनी संजौली मस्जिद? क्यों मचा है बवाल

Himachal News: बीजेपी नेताओं ने इस बात का दावा भी किया ये मुद्दा सियासी नहीं बल्कि सीधे जनता से जुड़ा है जिसमें कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. लेकिन जनभावनाओं से जुड़े जिस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए उसे सीएम सुक्खू टालने की कोशिश में जुटे हैं.

हिमाचल की सियासत के अखाड़े में दांव-पेंच कैसे बनी संजौली मस्जिद? क्यों मचा है बवाल

ठंडा रहने वाला टूरिस्ट प्लेस शिमला इन दिनों एक मस्जिद के अवैध निर्माण की सियासत में गरमा गया है, ये मुद्दा पहले विधानसभा में गूंजा और फिर शिमला की सड़कों पर इसे लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ लेकिन अब मस्जिद का अवैध निर्माण और वहां आने वाले बाहरी लोगों को लेकर NRC की मांग भी उठ रही है, वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं के भी अलग-अलग बयान समाने आए.

शिमला के संजौली इलाके में मौजूद मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला अब सियासत के अखाड़े में दांव पेंच का केंद्र बन गया है, पहले विधानसभा में ये मामला गूंजा और इसके बाद सड़क पर इस मामले को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ और अब इसी मामले में बीजेपी ने राहुल गांधी को घेरते हुए पूरे देश के लिए NRC को ज़रूरत है.

बीजेपी नेताओं ने इस बात का दावा भी किया ये मुद्दा सियासी नहीं बल्कि सीधे जनता से जुड़ा है जिसमें कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ लेकिन जनभावनाओं से जुड़े जिस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए उसे सीएम सुक्खू टालने की कोशिश में जुटे हैं. सीएम सुक्खू पर हमले हुए तो कांग्रेस नेताओं ने भी पलटवार करते हुए सवाल पूछा कि मस्जिद के अवैध निर्माण के समय जयराम ठाकुर की सरकार थी तो उस समय कार्रवाई क्यों नहीं हुई.

इस बीच सीएम सुक्खू का बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने कानून के हिसाब से कार्रवाई का दावा किया. हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी कुछ दिन पहले विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए मस्जिद के अवैध निर्माण का ज़िक्र किया था जिसपर ओवैसी ने कांग्रेस पर बीजेपी की भाषा बोलने का आरोप लगाया था लेकिन इसके बाद भी अनिरुद्ध सिंह अपने बयान पर कायम रहे.

संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला 2010 से कोर्ट में चल रहा है लेकिन तब मस्जिद सिर्फ ग्राउंड फ्लोर पर ही बनी थी लेकिन आरोप है कि कोर्ट में केस चलने के दौरान भी 2019 में मस्जिद में तीन मंज़िल ऊपर और बना दी गईं जिसका लगातार विरोध हो रहा, वहीं इस बात के आरोप भी लग रहे हैं की बांग्लादेश के रोहिंग्या को वहां शरण दी जाती है और बाहरी लोगों का लगातार वहां आना बना रहता जिससे इलाके का माहौल बदल रहा है और इसी बात को लेकर वहां के लोग लगातार इसका विरोध कर रहे हैं.

ब्यूरो रिपोर्ट, ज़ी मीडिया.

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