Kolkata Rape Murder Case News: पिछले करीब एक महीने से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल के बाद सीएम ममता बनर्जी बैकफुट पर आने को मजबूर हो गई हैं. उन्होंने मंगलवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर समेत कई अफसरों के तबादले कर दिए.
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Kolkata Rape Murder Case Update: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर से रेप- मर्डर मामले में पिछले करीब सवा महीने से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल ममता सरकार के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है. डॉक्टरों के धरने की वजह से कोलकाता समेत प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था ठप पड़ी है और लोग इसके लिए प्रदेश सरकार को कोस रहे हैं. पब्लिक के बढ़ते दबाव को देखते हुए ममता सरकार अब बैकफुट पर आती दिख रही है. सरकार ने हड़ताली डॉक्टरों को मनाने के लिए उनकी कई मांगें मान लीं.
हटाए गए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर
हड़ताली डॉक्टरों की मांग पर सीएम ममता बनर्जी ने विनीत गोयल को कोलकाता के पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया, उनकी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रहे मनोज वर्मा को नया पुलिस आयुक्त बनाया गया है. जबकि विनीत गोयल को STF में एडीजी पद भेजा गया है.
सीएम ममता के भरोसेमंद हैं मनोज वर्मा
मनोज वर्मा 1998 बैच के आईपीएस हैं. वे सीएम ममता बनर्जी के पसंदीदा अधिकारियों में से एक माने जाते हैं. पश्चिम बंगाल को माओवाद और नक्सलवाद से मुक्त करने में मनोज वर्मा का बड़ा हाथ माना जाता है. उन्होंने राज्य में माओवादियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन चलाए, जिससे वहां पर नक्सलवाद अब लगभग दम तोड़ चुका है.
इसी तरह चिकित्सा शिक्षा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तबादला
इसी तरह हड़ताली डॉक्टरों की मांग पर चिकित्सा शिक्षा निदेशक (DME) डॉक्टर कोस्तव नायक को भी पद से हटा दिया गया है. उन्हें अब इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर का डायरेक्टर बनाया गया है. जबकि स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक (DHS) डॉक्टर देबाशीष हलदर को स्वास्थ्य भवन में ओएसडी पब्लिक हेल्थ बनाया गया है.
दोनों पक्षों के बीच सोमवार को हुई बड़ी बैठक
बताते चलें कि सीएम ममता बनर्जी और हड़ताली डॉक्टरों के बीच सोमवार के बीच लंबी बैठक हुई थी. हड़ताल शुरू होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहला संवाद था. इस बैठक में डॉक्टरों ने अपनी कई मांगें सीएम के सामने रखी थीं, जिनमें पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी शामिल थी. सीएम ने उनकी कई मांगों पर विचार कर सकारात्मक एक्शन लेने का आश्वासन दिया था. साथ ही जनहित में डॉक्टरों से अपनी हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का आग्रह किया था.
इस बैठक के बाद ममता सरकार ने मंगलवार को एक्शन लेते हुए दोनों विभागों के कई अधिकारियों के तबादले कर दिया. इसके साथ सीएम ममता ने बयान जारी कर कहा कि हमने जूनियर डॉक्टरों की अधिकतर मांगों को मान लिया है. इसलिए उम्मीद है कि लोगों की दिक्कतों को देखते हुए वे जल्द ही काम पर वापस लौट आएंगे.
काम पर लौटने को तैयार नहीं डॉक्टर
हालांकि इस एक्शन के बावजूद डॉक्टरों ने फिलहाल अपनी हड़ताल वापस लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख सचिव के संरक्षण में जमकर भ्रष्टाचार होता है. लिहाजा जब तक प्रमुख सचिव को विभाग से हटाकर उन पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक यह लड़ाई खत्म नहीं होगी. उन्होंने स्वास्थ्य भवन के सामने अपने धरने को लगातार जारी रखने का ऐलान किया है.