Kuniyil Kailashnathan and Naredra Modi: नरेंद्र मोदी के बाद गुजरात में तीन मुख्यमंत्री अब तक बने लेकिन केके सबके लिए अनिवार्य बने रहे. उनको सूबे में चीफ सेक्रेटरी से भी ज्यादा ताकतवर माना जाता रहा और कई बार सुपर सीएम भी कहा गया.
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Kuniyil Kailashnathan News: गुजरात के सबसे ताकतवर नौकरशाह कुनियिल कैलाशनाथन (Kuniyil Kailashnathan-KK) ने चीफ मिनिस्टर ऑफिस (सीएमओ) में चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद से शनिवार को स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लिया. उनकी हनक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2006 में वह सीएमओ में तैनात हुए और 18 साल बाद अब जाकर वहां से खुद ही हटे. नौकरी से भी वह 2013 में रिटायर हो गए थे लेकिन उनको लगातार सेवा विस्तार दिया जाता रहा. मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद केंद्र में जाने के बाद केके को गुजरात में नरेंद्र मोदी का आंख और कान कहा जाता था. मोदी के बाद गुजरात में तीन मुख्यमंत्री अब तक बने लेकिन केके सबके लिए अनिवार्य बने रहे. उनको सूबे में चीफ सेक्रेटरी से भी ज्यादा ताकतवर माना जाता रहा और कई बार सुपर सीएम भी कहा गया. अब जब वो रिटायर हो गए हैं तो भी उनके बारे में कहा जा रहा है कि वो किसी बड़े असाइनमेंट के लिए भेजे जाएंगे.
कौन हैं केके
72 वर्षीय केके मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं. मद्रास यूनिवर्सिटी से कैमिस्ट्री में पीजी किया है और 1979 बैच के आईएएस अफसर हैं. गुजरात में उनकी पहली पोस्टिंग डीएम के रूप में सुरेंद्रनगर जिले में हुई. उसके बाद सूरत गए. तब से लेकर तक राज्य के विभिन्न महकमों, बोर्डों, निगमों में करीब 45 साल सर्विस की. 1994-95 में वह गुजरात के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर रहे.
1999-2001 में जब वह अहमदाबाद म्यूनिसिपल कमिश्नर थे उन्होंने रस्का प्रोजेक्ट के माध्यम से इमरजेंसी में शहर को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के रस्का प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड टाइम में पूरा करके दिखाया. ये उनका विजन ही था कि उन्होंने शहर में पानी की समस्या का हल निकाला और निर्धारित अवधि के भीतर 43 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाकर पानी के संकट का स्थायी इलाज किया. 2001 के अंत में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने और जल्द ही केके उनकी नजरों में आए. 2006 में केके को सीएमओ ऑफिस में नियुक्त किया गया. 2013 में वह सीएमओ में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के रूप में रिटायर हुए लेकिन मोदी सरकार ने उनके लिए चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी का पद सृजित किया. तब से लेकर अब तक यानी 11 वर्षों की इस अवधि में उनको लगातर सेवा विस्तार मिलता रहा और मोदी के पेट प्रोजेक्ट जैसे गिफ्ट सिटी, नर्मदा प्रोजेक्ट और अब गांधी आश्रम पुनर्विकास प्रोजेक्ट का जिम्मा संभालते रहे.
क्या होगी नई भूमिका?
केके के गुजरात से रिटायर होने के बाद अब कहा जा रहा है कि उनको कोई बड़ी भूमिका दी जाएगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि उनको केंद्र में बड़ी भूमिका दी सकती है. उनको पीएमओ में जगह दी जा सकती है या गवर्नर या लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स में इस बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उनको अपने गृह राज्य केरल का गवर्नर बनाया जा सकता है क्योंकि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस राज्य में बीजेपी अपनी संभावना तलाश रही है.