पीएम मोदी विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49 वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे. समारोह से पहले उन्होंने अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना से शांति निकेतन में मुलाकात की और उनका स्वागत किया.
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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचे. यहां उनका राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने स्वागत किया, जिसके बाद सीएम ममता बनर्जी भी प्रधानमंत्री का स्वागत करने पहुंची. पीएम मोदी विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49 वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे. समारोह से पहले उन्होंने अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना से शांति निकेतन में मुलाकात की और उनका स्वागत किया. कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री का मोदी-मोदी के नारों के साथ स्वागत हुआ. समारोह समाप्ति के बाद पीएम मोदी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. दोनों नेता भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीक ‘बांग्लादेश भवन’ का उद्घाटन किया.
पीएम मोदी ने संबोधन में कही ये बातें
- यहां आकर मैं बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं.
-मैं समारोह स्थल पर आया तो यहां पर मौजूद कुछ स्टूडेंट्स ने मुझे इशारे से बताया कि यहां पीने का पानी भी नहीं है. आप सभी को जो भी असुविधा हुई है, चांसलर होने के नाते मेरा दायित्व बनता है कि मैं सबसे पहले आप सभी से क्षमा मांगू.
- मैं जब मंच की तरफ आ रहा था, तो ये सोच रहा था कि कभी इसी भूमि पर गुरुदेव के कदम पड़े होंगे. यहां कहीं आसपास बैठकर उन्होंने शब्दों को कागज पर उतारा होगा, कभी कोई धुन, कोई संगीन गुनगुनाया होगा, कभी महात्मा गांधी से लंबी चर्चा की होगी, कभी किसी छात्र को जीवन का मतलब समझाया होगा.
-मैं जब तजिकिस्तान गया था, तो वहां गुरुदेव की एक मूर्ति का लोकार्पण करने का अवसर मिला था. गुरुदेव के लिए लोगों में जो आदरभाव मैंने देखा था, वो आज भी याद है. दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों में टैगोर आज भी अध्ययन का विषय हैं. गुरुदेव पहले भी ग्लोबल सिटीजन थे और आज भी हैं.
-गुरुदेव मानते थे कि हर व्यक्ति का जन्म किसी ना किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए होता है. प्रत्येक बालक अपनी लक्ष्य-प्राप्ति की दिशा में बढ़ सके, इसके लिए उसे योग्य बनाना शिक्षा का महत्वपूर्ण कार्य है. वो कहते थे कि शिक्षा केवल वही नहीं है जो विद्यालय में दी जाती है.
- शास्त्रों में कहा गया है कि, आचार्य के बगैर सफलता नहीं मिल सकती
- विश्व भारती से मिली शिक्षा अनमोल है
- विश्व भारती में मैं गुरुदेव को महसूस कर सकता हूं
- मंदिर के मंत्रोच्चारण की तरह यहां ऊर्जा मिल रही है.
- वेदों से हमें सीख मिलती है कि सारा विश्व एक है.
- गुरुदेव विश्व भारती को वसुदैव कुटंबकम बनाना चाहते थे.
- आज इस दीक्षांत समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी मौजूद हैं. ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब दो देशों के पीएम एक दीक्षांत समारोह में साथ में शामिल हों.
- यूं तो ये दो देश हैं, लेकिन हमारे हित जुड़े हुए हैं. चाहे यह संस्कृति या सार्वजनिक नीति हो, हम एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं. ऐसा एक उदाहरण बांग्लादेश भवन है.
- पूरी दुनिया गुरुदेव को सम्मान से देखती है.
- रविंद्रनाथ टैगोर का गुजरात से भी खास नाता है. अहमदाबाद में रहकर उन्होंने कई कविताएं लिखी हैं.
- गुरुदेव चाहते थे कि भारतीय छात्र बाहरी दुनिया में भी जो कुछ हो रहा है, उससे परिचित रहें. दूसरे देशों के लोग कैसे रहते हैं, उनके सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्य क्या हैं, इस बारे में जानने पर वो हमेशा जोर देते थे. लेकिन इसी के साथ वो ये भी कहते थे कि भारतीयता नहीं भूलनी चाहिए.
- विश्व भारती ने शिक्षा की अलग दुनिया का सृजन किया है.
- 2021 में विश्व भारती को 100 साल पूरे हो जाएंगे. 100 साल पूरे होने पर 100 गांव विकसित करें.
- 125 करोड़ देशवासियों ने 2022 तक न्यू इंडिया बनाने का संकल्प लिया है. इस संकल्प की सिद्धि में शिक्षा और शिक्षा से जुड़े आप जैसे महान संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. ऐसे संस्थानों से निकले नौजवान, देश को नई ऊर्जा देते हैं, एक नई दिशा देते हैं.
- गुरुदेव के विजन के साथ-साथ न्यू इंडिया की आवश्यकताओं के अनुसार हमारी शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. इस बजट में राईज (RISE) के तहत अगले चार साल में देश के एजुकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
- शैक्षिक संस्थाओं को पर्याप्त सुविधाएं मिले, इसके लिए 1000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी शुरू की गई है. इससे प्रमुख शैक्षिक संस्थाओं में उच्च गुणवत्ता के बुनियादी ढांचे के लिए निवेश में मदद मिली है.
- कम उम्र में ही इनोवेशन का माइंड सेट तैयार करने की दिशा में हमने देशभर के 2400 स्कूलों को चुना है. इन स्कूलों में Atal Tinkering Labs के माध्यम से हम 6ठी से 12वीं कक्षा के छात्रों पर फोकस कर रहे हैं. इन लैब्स में बच्चों को आधुनिक तकनीक से परिचित करवाया जा रहा है.
-अगर आपके साथ चलने के लिए कोई तैयार ना भी हो, तब भी अपने लक्ष्य की तरफ अकेले ही चलते रहो. लेकिन मैं ये कहने आया हूं कि अगर आप एक कदम चलेंगे तो चार कदम सरकार चलेगी. जनभागीदारी के साथ बढ़ते हुए ये कदम ही हमारे देश को उस मुकाम तक लेकर जाएंगे, जिसका सपना गुरुदेव ने भी देखा था.
-विश्व भारती विश्वविद्यालय न्यू इंडिया के साथ-साथ विश्व को नए रास्ते दिखाती रहे, इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं.
पीएम बनने के बाद यूनिवर्सिटी का पहला दौरा
प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह मोदी का विश्वविद्यालय का पहला दौरा है. आखिरी बार 2008 में संस्थान के कुलाधिपति दीक्षांत समारोह में मौजूद थे. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वहां का दौरा किया था. कार्यकारी कुलपति सबुजकली सेन के मुताबिक, केंद्रीय विश्वविद्यालय में पांच साल में यह पहला दीक्षांत समारोह है.
PM Narendra Modi arrives in Kolkata, received by Governor Keshari Nath Tripathi and Union Minister Babul Supriyo. PM will attend the convocation of Visva Bharati University in Shanti Niketan pic.twitter.com/EiOCNdank1
— ANI (@ANI) May 25, 2018
West Bengal: PM Narendra Modi and Bangladesh PM Sheikh Hasina in #SantiNiketan. Both leaders will later inaugurate Bangladesh Bhavan pic.twitter.com/vAAsv1HQIr
— ANI (@ANI) May 25, 2018
उन्होंने संवाददाताओं से कहा , ‘‘हम काफी खुश है कि इतने सारे गणमान्य लोग दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. अब से हम दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तरह ही हर साल दीक्षांत समारोह आयोजित करने की कोशिश करेंगे.’’
सीएम ममता बनर्जी भी हुईं शामिल
पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के अलावा समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं. कुलपति के मुताबिक पिछले चार दशकों में पहली बार राज्य का कोई मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह में शामिल हुआ है.
कार्यक्रम के बाद झारखंड जाएंगे पीएम मोदी
बांग्लादेश भवन में रवींद्रनाथ ठाकुर की साहित्यिक रचनाओं के अलावा बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और उसमें भारत की भूमिका से जुड़ी किताबें एवं तस्वीरें प्रदर्शित की जाएंगी. हसीना से मिलने के बाद पीएम मोदी झारखंड जाएंगे जहां वह सिंदरी में केंद्र एवं राज्य सरकारों की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे.
इनमें हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की सिंदरी उर्वरक परियोजना, गेल की रांची सिटी गैस वितरण परियोजना, एम्स, देवघर, देवघर हवाईअड्डे का विकास और 3x800 मेगावाट उत्पादन क्षमता की पतरातू सुपर ताप विद्युत परियोजना को बहाल करना शामिल है.
PM मोदी ने विराट कोहली का चैलेंज किया मंजूर, तो राहुल गांधी ने दी ये चुनौती
पीएम मोदी की मौजूदगी में ‘जन औषधि केंद्र’ के लिए सहमति ज्ञापनों का भी आदान प्रदान किया जाएगा और वह बाद में सभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री रांची में झारखंड के ‘आंकांक्षापूर्ण’ जिलों के जिलाधिकारियों से बातचीत करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में ‘आकांक्षापूर्ण जिलों का बदलाव’ कार्यक्रम शुरू किया था जिसका लक्ष्य इन जिलों के लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने के लिए वहां तेजी से एवं प्रभावशाली तरीके से बदलाव लाना है.