'मन की बात' में बोले पीएम मोदी, 'नारी शक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं'
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'मन की बात' में बोले पीएम मोदी, 'नारी शक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस साल पहली बार रेडियो के माध्यम से जनता से संवाद स्थापित किया. पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को रेडियो के जरिए जनता से सीधा संवाद करते है.

साल 2018 में पहली बार पीएम मोदी के 'मन की बात' (फोटो-AIR)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 40वीं बार रेडियो के जरिए 'मन की बात' जरिए देश की जनता से संवाद किया. पीएम मोदी इस कार्यक्रम के लिए जनता से सुझाव भी मांगते हैं. साल 2018 के पहले मन की बात कार्यक्रम में अपने भाषण की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार.  2018 की यह पहली ‘मन की बात ’ है और दो दिन पूर्व ही हमने गणतन्त्र पर्व को बहुत ही उत्साह के साथ और इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि 10 देशों के मुखिया इस समारोह में उपस्थित रहे.

  1. साल 2018 की पहली 'मन की बात' में पीएम मोदी का जनता का संवाद
  2. महिला शक्ति को किया नमन, स्वच्छता आंदोलन में लगे लोगों को सराहा
  3. पद्म पुरस्कारों में पारदर्शिता को लेकर की गई पहल की भी किया जिक्र

कल्पना चावला को किया याद
इसके बाद पीएम मोदी ने प्रकाश त्रिपाठी द्वारा लिखी गई चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा, 1 फरवरी को अंतरिक्ष में जाने वाली  कल्पना चावला की पुण्यतिथि है. कोलंबिया अंतरिक्षयान दुर्घटना में वह हमें छोड़कर चलीं गईं लेकिन दुनियाभर में लाखों युवाओं को प्रेरणा दे गईं. पीएम मोदी ने कहा 'मैं प्रकाश भाई का आभारी हूं कि उन्होंने अपनी लंबी चिट्ठी को कल्पना चावला की विदाई के साथ प्रारंभ किया है. यह बड़े दुख की बात है हमने कल्पना चावला जी को इतनी कम उम्र में खो दिया है. लेकिन अपने जीवन से पूरे विश्व में खासकर भारत की हजारों लड़कियों के लिए यह संदेश दिया कि नारी शक्ति के लिए कोई सीमा नहीं है. इच्छा और दृढ़ संकल्प हो, कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं ' 

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वैदिक काल से नारी हमें प्रेरित करती आई है
पीएम मोदी ने कहा आज हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं की बात करते हैं लेकिन सदियों पहले हमारे शास्त्रों में, स्कन्द-पुराण में कहा गया है. एक बेटी दस बेटों के बराबर है. दस बेटों से जितना पुण्य मिलेगा एक बेटी से उतना ही पुण्य मिलेगा. पीएम मोदी ने प्रकाश त्रिपाठी की चिट्ठी की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित करती आई है. आज नारी हर क्षेत्र में ना सिर्फ आगे बढ़ रही है. बल्कि हमें प्रेरित भी कर रही है. उन्होंने कहा कि चाहे वैदिक काल की विदुषियां लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी की विद्वता हो या अक्का महादेवी और मीराबाई का ज्ञान और भक्ति हो, चाहे अहिल्याबाई होलकर की शासन व्यवस्था हो या रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित करती आई है:

राष्ट्रपति जी की पहल का भी किया जिक्र
तीन बहादुर महिलाएं भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी Fighter Pilots बनी हैं और सुखोई 30  में प्रशिक्षण ले रही हैं. हर क्षेत्र में ‘First Ladies ’-  हमारी नारी-शक्तियों ने समाज की रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए असाधारण उपलब्धियां हासिल की, एक कीर्तिमान स्थापित किया. पिछले दिनों राष्ट्रपति जी ने एक नई पहल की है. राष्ट्रपति जी ने उन महिलाओं से मुलाकात की जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में पहल करने का काम किया है. जैसे पहली पहली मर्चेंट नेवी कैप्टन, पहली पैसेंजर ट्रेन ड्राइवर, पहली फायर फाइटर और पहली महिला बस ड्राइवर के अलावा अंटार्कटिका और माउंट एवरेस्ट पर जाने वाली पहली महिला शामिल थी.

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मुंबई के माटुंगा स्टेशन का भी जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई का भारत का ऐसा पहला स्टेशन है जहां सारी महिला कर्मचारी हैं. छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा इलाक़ा, जो माओवाद-प्रभावित क्षेत्र है. हिंसा, अत्याचार, बम, बन्दूक, पिस्तौल- माओवादियों ने इसी का एक भयानक वातावरण पैदा किया हुआ है. ऐसे ख़तरनाक इलाक़े में आदिवासी महिलाएं, ईरिक्शा चला कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. 

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सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बिहार की पहल को सराहा
पीएम मोदी ने कहा कि हम बार-बार सुनते आये हैं कि लोग कहते हैं – ‘कुछ बात है ऐसी कि हस्ती मिटती नहीं हमारी. वो बात क्या है, वो बात है, Flexibility – लचीलापन, उन्होंने कहा कि सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ हमारे देश में लगातार प्रयास होते रहे है. पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी जीवंत-समाज की पहचान होती है उसका Self Correcting Mechanism यानि आत्म सुधार तंत्र. पीएम मोदी ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार की जनता ने दहेज और बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ बड़ी पहल की है. राज्य ने सामाजिक कुरीतियों को जड़ से मिटाने के लिए 13 हजार किलोमीटर से अधिक की विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई. 

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जन औषधि योजना के पीछे उद्देश्य
पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के पीछे उद्देश्य है- Health Care को affordable बनाना. जन-औषधि केन्द्रों पर मिलने वाली दवाएं बाज़ार में बिकने वाली दवाइयों से लगभग 50-90% तक सस्ती हैं. सस्ती दवाइयां प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केन्द्रों,अस्पतालों के ‘अमृत stores’ पर उपलब्ध हैं.

स्वच्छता अभियान में नागरिक पहल 
पीएम मोदी ने स्वच्छता अभियान के बारे में जन भागीदारी पर कहा कि 'मुझे पता चला कि अकोला के नागरिकों ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत मोरना नदी को साफ़ करने के लिए स्वच्छता अभियान का आयोजन किया था'  ‘Mission Clean Morna’ के इस नेक कार्य में अकोला के छह हज़ार से अधिक नागरिकों, सौ से अधिक NGOs , Colleges, Students, बच्चे, बुजुर्ग, माताएं-बहनें हर किसी ने इसमें भाग लिया.

पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया में बदलाव
पद्म पुरस्कारों की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है जिससे चयन में पारदर्शिता आ गई है. आपको भी एहसास होगा कि सामान्य लोगों को पद्म पुरस्कार दिया जा रहा है. आपने सुना होगा श्रीमान अरविंद गुप्ता के बारे में. आईआईटी कानपुर के छात्र रहे अरविंद गुप्ता कचरे से बच्चों  के लिए खिलौने बना रहे है. इसके लिए वह देश के 3 हजार स्कूलों में जाकर 18 भाषाओं में फिल्म दिखा रहे है. कर्नाटक कि सितवा जोदात्ति ने स्वयं को देवदासी के रूप में समर्पित कर दिया था. 

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सामाजिक क्षेत्र में अहम योगदान देने वालों को किया सलाम
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पद्म पुरस्कार के लिए चुने गए भज्जू श्याम का जिक्र करते हुए कहा, आपने नाम सुना होगा मध्य प्रदेश के भज्जूश्याम के बारे में, वे जीवन यापन के लिए सामान्य नौकरी करते थे लेकिन उनको पारम्परिक आदिवासी painting बनाने का शौक था. आज इसी शौक की वजह से इनका भारत ही नहीं, पूरे विश्व में सम्मान है. 

पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की 75 वर्षीय सुभाषिनी मिस्त्री को भी पद्म पुरस्कार के लिए चुना गया. सुभासिनी मिस्त्री एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अस्पताल बनाने के लिए दूसरों के घरों में बर्तन मांजे, सब्जी बेची. मैं देशवासियों को कहूंगा कि जो लोग देश और समाज के लिए कुछ ऐसा करते हैं जो प्रेरणादायक हो उनके अनुभवों को हमें सुनना चाहिए. 

यूरोपीय संघ द्वारा भेजा गया कैलेंडर है खास
हर वर्ष 9 जनवरी को हम प्रवासी भारतीय दिवस मनाते है. इसी दिन महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका से भारत लौटे थे. इस दिन हम भारत और विश्व भर में रह रहे भारतीयों के बीच,अटूट-बंधन का जश्न मनाते हैं. इस वर्ष हमने एक कार्यक्रम आयोजित किया था.  इस बार मुझे यूरोपीय संघ ने एक कैलेंडर भेजा है  जिसमें उन्होनें यूरोप के विभिन्न देशों में रह रहे भारतीयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदानों को  दर्शाया है. यानी जहां भी हमारे लोग हैं, उन्होंने वहाँ की धरती को किसी न किसी तरीके से सुसज्जित किया है.

भाषण के अंत में पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता को किया नमन
पीएम मोदी ने अपने भाषण के अंत में राष्ट्रपिता बापू को याद करते हुए कहा, 30 जनवरी को पूज्य बापू की पुण्य-तिथि है, जिन्होंने हम सभी को एक नया रास्ता दिखाया है। उस दिन हम ‘शहीद दिवस’ मनाते हैं. अगर हम संकल्प करें कि बापू के रास्ते पर चलें -जितना चल सके, चलें - तो उससे बड़ी श्रद्धांजलि क्या हो सकती है? मेरे प्यारे देशवासियो, आप सब को 2018 की शुभकामनायें देते हुए, मेरी वाणी को विराम देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद। नमस्कार..

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