Coronavirus संक्रमण की चेन भी तोड़नी है तो Lockdown के अलावा रास्ता नहीं: शिवसेना
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Coronavirus संक्रमण की चेन भी तोड़नी है तो Lockdown के अलावा रास्ता नहीं: शिवसेना

सामना (Saamana) के मुताबिक, 'लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी की अलग राय है. उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो लोगों का आक्रोश भड़केगा. इस दावे में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. हमें कोरोना संक्रमण की चेन भी तोड़नी है तो लॉकडाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं है.'

फाइल फोटो साभार: (रॉयटर्स)

मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamana) में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस (Devendra fadnavis) पर निशाना साधा है. सामना में लिखा है कि लोगों की जान गंवाने का जो ‘अनर्थचक्र’ जारी है, यानी कोरोना संक्रमण की चेन (Coronavirus chain) को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन (Lockdown) और पाबंदियां बेहद जरूरी हैं. महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सूबे में बिगड़े हालात को लेकर एक अहम बैठक बुलाई थी जिसमें विपक्ष के नेता फडणवीस भी मौजूद थे. 

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  2. शिवसेना ने 'सामना' में की कड़े फैसले की वकालत 
  3. संक्रमण चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन जरूरी: शिवसेना

'फडणवीस के दावे में सच्चाई नहीं'

सामना के मुताबिक, 'लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर फडणवीस और उनकी पार्टी की अलग राय है. उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो लोगों का आक्रोश भड़क उठेगा. उनके इस दावे में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है. लेकिन हमें कोरोना संक्रमण की चेन भी तोड़नी है तो लॉकडाउन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. अब इसके अलावा अन्य कोई विकल्प होगा तो वो बता सकते हैं.'

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'विपक्ष का सहयोग उपकार होगा'

लेख में आगे ये भी लिखा गया, 'नोटबंदी, लॉकडाउन जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी कड़े फैसले ले चुके हैं. भ्रष्टाचार की शृंखला तोड़ने के लिए नोटबंदी की गई. कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए पीएम मोदी ने एक साल पहले लॉकडाउन की घोषणा की थी तब बीजेपी वालों ने थाली बजाकर फैसले का स्वागत किया. आज कोरोना की स्थिति पहले से ज्यादा गंभीर है. इसका भान अगर महाराष्ट्र के विपक्ष ने रखा तो जनता पर उपकार होगा.'

केंद्र से मदद की अपील

सामना के मुताबिक, 'कड़े फैसले से रोजगार के मौके बंद होगें, एक बड़ा वर्ग फिर से नौकरी गंवाएगा. छोटे दुकानदारों, फेरीवालों की गाड़ी रुक जाएगी. जिससे विद्रोहअसंतोष की चिंगारी भड़केगी ऐसा नहीं लगता. हम मानते हैं कि पाबंदी से पहले मेहनतकश लोगों की जरूरतों का ध्यान रखना होगा. लोगों को समझाने का काम जैसे सरकारी पक्ष का है, उसी तरह विपक्ष का भी है. लॉकडाउन के कारण बुरी तरह प्रभावित होने वाले गरीब तबके के लिए आर्थिक मदद दी जाए. जरूरतमंदों के खाते में सीधे रकम जमा की जाए. यह सुझाव अच्छा है और इस कार्य के लिए केंद्र सरकार को महाराष्ट्र सरकार को खुले हाथों से मदद करनी होगी.' 

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