'ED ने छापा मारा तो पार्टी ने नहीं दिया साथ..' नाराज टीएमसी विधायक ने दिया इस्तीफा
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'ED ने छापा मारा तो पार्टी ने नहीं दिया साथ..' नाराज टीएमसी विधायक ने दिया इस्तीफा

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को टीएमसी को बड़ा झटका लगा है. तीन बार के विधायक तापस रॉय ने पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि मैंने विधायक पद से अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है.

'ED ने छापा मारा तो पार्टी ने नहीं दिया साथ..' नाराज टीएमसी विधायक ने दिया इस्तीफा

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को टीएमसी को बड़ा झटका लगा है. तीन बार के विधायक तापस रॉय ने पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि मैंने विधायक पद से अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है. उन्होंने पहले ही एक मार्च को पार्टी और सरकारी पदों से इस्तीफा दे दिया था. टीएमसी ने तापस रॉय के इस्तीफे पर कहा कि वे पार्टी नेतृत्व पर लोकसभा टिकट का दबाव बना रहे थे.

पार्टी नेतृत्व की आलोचना की

तापस रॉय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके आवास पर जनवरी में छापा मारे जाने के समय उनके साथ खड़े नहीं होने के लिए टीएमसी नेतृत्व की आलोचना की. हालांकि, तृणमूल ने आरोप लगाया कि रॉय आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तरी कोलकाता सीट से ‘‘टिकट के लिए अनुचित दबाव’’ डाल रहे थे. पश्चिम बंगाल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के उप मुख्य सचेतक और बड़ानगर सीट से विधायक रॉय ने सोमवार को अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को सौंप दिया. 

भाजपा में होंगे शामिल?

इससे पहले उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी गहरी निराशा व्यक्त की और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी पर ‘‘बुरे वक्त’’ में उनका साथ छोड़ने का आरोप लगाया. रॉय के इस्तीफे के बाद इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि रॉय भाजपा में शामिल होंगे या राज्य के किसी अन्य विपक्षी दल का दामन थामेंगे. रॉय ने कहा कि वह इस सबंध में ‘‘उचित समय’’ पर निर्णय लेंगे. रॉय को समझाने के अपने आखिरी प्रयास में मंत्री ब्रत्य बसु और पूर्व तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष सोमवार सुबह उनके आवास पर पहुंचे. इसके बावजूद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. 

ईडी ने मारा था छापा

रॉय का उत्तरी कोलकाता क्षेत्र से पार्टी के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय के साथ कथित तौर पर मतभेद चल रहा है और वह पिछले कुछ समय से पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए थे. रॉय ने मध्य कोलकाता में अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए इस साल 12 जनवरी को ईडी के छापे के बाद उनके साथ खड़े नहीं होने के लिए पार्टी नेतृत्व की आलोचना की. रॉय ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि ईडी शाहजहां शेख को निशाना बना रही है. मैं उम्मीद कर रहा था कि वह मेरे घर पर छापे के बारे में भी एक या दो शब्द बोलेंगी, लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला.’’ 

टीएमसी ने क्या कहा?

वहीं, तृणमूल के वरिष्ठ नेता एवं सांसद कल्याण बनर्जी ने दावा किया, ‘‘रॉय काफी समय से पार्टी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे थे. वह कई अनुचित साधनों का उपयोग करके दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे. वह उत्तरी कोलकाता सीट से टिकट के लिए पार्टी को धमकाने की कोशिश कर रहे थे. अब, वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं.’’ टीएमसी सूत्रों के मुताबिक, यह आरोप कि पार्टी ने रॉय को छोड़ दिया, ‘‘झूठा’’ है क्योंकि ‘‘जनवरी में ईडी की छापेमारी के दो दिन बाद ही पार्टी ने उनसे संपर्क किया था.’’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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