लोकसभा चुनाव 2019 का ऐलान, देशभर में 7 चरणों में होगी वोटिंग
चुनाव की तारीख के ऐलान साथ देश में आचार संहिता भी लागू हो गई है. गौरतलब है कि आचार संहिता लागू होने के साथ ही पार्टियों, मंत्री, आयोग अध्यक्षों के साथ अफसरों और चुनाव कार्य में लगी प्रशासनिक टीमों पर कई तरह की पाबंदियां लग गई हैं.
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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. इस बार के चुनाव 7 चरणों में संपन्न होंगे. 23 मई को मतगणना होगी. वहीं राजस्थान की बात करें तो प्रदेश के 25 लोकसभा सीटों के लिए मतदान दो चरणों में होंगे. प्रदेश में मतदान की प्रक्रिया चौथे और पांचवें चरण के अंतर्गत 29 अप्रैल और 6 मई को होगी. पहले चरण में 13 सीटों पर और दूसरे चरण में 12 पर मतदान किए जाएंगे.
बता दें कि चुनाव की तारीख के ऐलान साथ देश में आचार संहिता भी लागू हो गई है. गौरतलब है कि आचार संहिता लागू होने के साथ ही पार्टियों, मंत्री, आयोग अध्यक्षों के साथ अफसरों और चुनाव कार्य में लगी प्रशासनिक टीमों पर कई तरह की पाबंदियां लग गई हैं. बता दें कि आदर्श आचार संहिता वो नियम है जो चुनाव के दौरान प्रत्याशियों और राजनीतिक पार्टियों पर लागू होती है. जिसका पालन करना सभी पक्षों को लिए अनिवार्य होता है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा, इन चुनाव में 90 करोड़ वोट डाले जाएंगे. इस बार 8 करोड़ 43 लाख वोटर बढ़े. 18 से 19 साल के बीच के करीब डेढ़ करोड़ वोटर इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. चुनाव आयोग का कहना है कि हमने इस बार चुनावी तारीखों के ऐलान में त्योहार और परीक्षाओं का भी ध्यान रखा है.
इन चुनावों में सभी इवीएम में वीवीपेट का इस्तेमाल होगा. इसके साथ ही ईवीएम पर उम्मीदवारों के फोटो भी लगे होंगे. इस बार के चुनावों में 10 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में 9 लाख पोलिंग स्टेशन थे. चुनावों में सभी संवेदनशील पोल बूथ पर सीआरपीएफ के जवान तैनात होंगे. रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर पर रोक रहेगी. सूत्रों के अनुसार, अभी कश्मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं होगा.
वहीं मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त होगा. लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगी. मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. चुनाव आयोग से शिकायत के लिए एप बनाया गया है. ईवीएम की सुरक्षा के लिए जीपीएस ट्रेकिंग का इस्तेमाल किया जाएगा. चुनाव आयोग के अनुसार, शिकायत करने के 100 मिनट के अंदर कार्रवाई की जाएगी.