उल्कापिंड टकराने से बनी झील का पानी हुआ लाल, वैज्ञानिक भी हैरत में
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उल्कापिंड टकराने से बनी झील का पानी हुआ लाल, वैज्ञानिक भी हैरत में

महाराष्ट्र की लोनार झील के पानी का रंग बदल गया है. आमतौर पर नीले और हरे रंग का दिखने वाला पानी अब लाल रंग का हो गया है. इस अनोखे रंग ने न सिर्फ आम लोगों को बल्कि वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया है.

2-3 दिन से पानी के रंग में बदलाव आ रहा है

बुलढाणा: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित लोनार झील हमेशा से ही लोगों के मन में कौतुहल पैदा करती आई है, और एक बार फिर इस झील ने सबको हैरान कर दिया है. इस बार झील के पानी का रंग बदल गया है. आमतौर पर नीले और हरे रंग का दिखने वाला पानी अब लाल रंग का हो गया है. इस अनोखे रंग ने न सिर्फ आम लोगों को बल्कि वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया है.

  1. झील का पानी लाल रंग में बदला
  2. 35-50 हजार वर्ष पहले उल्का पिंड की टक्कर से बनी है ये झील
  3. समय-समय पर पानी में बदलाव होते रहे हैं

लोनार के तहसीलदार सैफन नदाफ का कहना है कि- 'पिछले 2-3 दिन से हमने ध्यान दिया तो पाया कि झील के पानी का रंग बदल गया है. हमने वन विभाग को इसका सैंपल लेकर जांच करने के लिए कहा है.' 

उल्का पिंड के टकराने से बनी झील 

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झील 35-50 हजार वर्ष पहले उल्का पिंड (Meteorite) की टक्कर से बनी है. ये खारे पानी की झील है जो एकदम गोलाकार है. इसका व्यास 1.2 किलोमीटर है. बताया जाता है कि झील जो पिंड पृथ्वी से टकराया था बताया जाता है कि उसका वजन करीब दस लाख टन रहा होगा.

जियोलॉजिस्ट और साइंटिस्ट हमेशा से ही इस झील पर शोध करते रहे हैं और बताया जाता है कि समय समय पर इस झील के पानी में बदलाव होते रहे हैं. पानी के रंग में बदलाव को लेकर भी वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हैं. कहा जा रहा है कि खारे पानी में हालोबैक्टीरिया और डुओनिला फंगस के बढ़ जाने से कैरोटीनॉइड नामक पिगमेंट बढ़ जाता है जिसके कारण पानी लाल हो सकता है.

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