दिल्ली-NCR में प्रदूषण से मचा कोहराम, पूरा शहर बना गैस चैम्बर, अब लागू होगा ग्रैप-3
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दिल्ली-NCR में प्रदूषण से मचा कोहराम, पूरा शहर बना गैस चैम्बर, अब लागू होगा ग्रैप-3

AQI in Delhi: कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट ने इस स्थिति को अत्यधिक धुंध की प्रासंगिक घटना बताया है. ग्रैप-3 तब लागू किया जाता है, जब वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है. इस प्लान के तहत कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ पर बैन लगा दिया जाता है.

दिल्ली-NCR में प्रदूषण से मचा कोहराम, पूरा शहर बना गैस चैम्बर, अब लागू होगा ग्रैप-3

What is GRAP 3: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने हाहाकार मचाया हुआ है, जिसे देखते हुए राजधानी में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है. शुक्रवार सुबह 8 बजे यह लागू हो जाएगा. दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है और AQI 428 था. प्रदूषण की वजह से दिल्ली गैस चैम्बर बन चुकी है और सांस लेने तक में दिक्कतें हो रही हैं. पूरा शहर धुंध के आगोश में समाया हुआ है.

इससे पहले दिल्ली की वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के एक दिन बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा कि अगर स्थिति और खराब हुई तो सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू किए जायेंगे।.राय ने बिगड़ते हालात के लिए हवा की गति कम होने और तापमान में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 428 था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है.  दिल्ली में बुधवार को देश में सर्वाधिक खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जो इस मौसम में पहली बार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है. 

राय ने कहा कि पिछले दो दिनों में मौसम के मिजाज में बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार और शनिवार के बीच हवा की गति बढ़ने की उम्मीद है जो छह से 12 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच जाएगी और इससे प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी. एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. राय ने कहा, ‘‘हम प्रदूषण कम करने के लिए जारी सभी अभियानों और उपायों को मजबूत करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि सरकार सभी मौजूदा कार्य योजनाओं और अभियानों की समीक्षा करेगी और प्रदूषण के स्तर को आपात सीमा तक पहुंचने से रोकने के लिए प्रयासों को बढ़ाएगी.

मंत्री ने कहा कि अगर तापमान कम होता है और वायु गुणवत्ता खराब होती है तो सरकार दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी. पर्यावरण एवं विज्ञान केंद्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर से तीन नवंबर तक दिल्ली का प्रदूषण स्तर स्थानीय स्रोतों और क्षेत्रीय कारणों दोनों से प्रभावित था. आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के लिए 30.34 प्रतिशत दिल्ली के स्थानीय स्रोत जिम्मेदार हैं जबकि 34.97 प्रतिशत प्रदूषण के लिए आसपास के एनसीआर और एनसीआर से बाहर के क्षेत्रों को जिम्मेदार ठहराया गया.

राय ने ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता के कारण स्कूलों को बंद किये जाने की संभावना पर कहा, ‘‘यदि स्थिति बिगड़ती है, तो पिछले साल की तरह सख्त उपाय लागू किए जाएंगे, क्योंकि बच्चों और निवासियों की सुरक्षा सर्वोपरि है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए, दिल्लीवासी जिस हवा में सांस लेते हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है.’’ 
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