Prayagraj Protest: प्रयागराज में छात्रों के प्रदर्शन पर राहुल गांधी ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि सरकार की अक्षमता की कीमत छात्र नहीं चुकाएंगे. उनकी मांग संवैधानिक है और युवाओं के साथ ये अन्याय हम स्वीकार नहीं करेंगे. इसके अलावा अखिलेश यादव ने भी भाजपा को चुनावी गणित समझाते हुए बताया कि इस बार भाजपा खत्म हो जाएगी.
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Prayagraj Protest: प्रयागराज में परीक्षा के शेड्यूल को लेकर लेकर विरोध कर रहे यूपीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन और तेज होता जा रहा है. गुरुवार को छात्र बैरिकेडिंग तोड़कर आयोग के गेट नंबर 2 पर पहुंच गए. ये छात्र 'एक दिन एक शिफ्ट' की मांग कर रहे हैं. प्रयागराज पुलिस ने दावा किया है कि कुछ आपराधिक तत्व छात्रों के विरोध प्रदर्शन में घुस आए हैं और उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छात्रों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए छात्रों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं.
राहुल गांधी ने कहा,'प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों के साथ यूपी सरकार और उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का रवैया बेहद असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है. नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी व्यवस्था अस्वीकार्य है और एक पाली में परीक्षा की छात्रों की मांग बिल्कुल न्यायपूर्ण है. शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटी भाजपा सरकार की अक्षमता की कीमत आख़िर छात्र क्यों चुकायें?' राहुल गांधी ने आगे कहा,'पढ़ाई करने वाले छात्रों को सड़क पर ‘लड़ाई’ करने को मजबूर कर दिया गया है और अब उनका पुलिस के जरिए उत्पीड़न किया जा रहा है. अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर रहकर साधना कर रहे युवाओं के साथ ये अन्याय हम स्वीकार नहीं करेंगे. हम प्रतियोगी छात्रों की मांग का पूरी तरह से समर्थन करते हैं. उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को तानाशाही से नहीं दबाया जा सकता.'
प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों के साथ यूपी सरकार और उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का रवैया बेहद असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है।
नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी व्यवस्था अस्वीकार्य है और एक पाली में परीक्षा की छात्रों की मांग बिल्कुल न्यायपूर्ण है।
शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त… pic.twitter.com/XYOdwq98oR
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 14, 2024
राहुल गांधी के अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाजपा को निशाना बनाया. उन्होंने कहा,'भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है. अगर इस 'महा-संख्या' को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी.' अखिलेश यादव ने आगे कहा,'उम्मीद है, इस गणित को ही समझ कर आज ही भाजपा की हृदयहीन सरकार अत्याचार बंद करेगी और आंदोलनकारी युवाओं की लोकतांत्रिक जायज़ मांग को पूरा करेगी. भाजपा की एक आदत पड़ गयी है, जनाक्रोश से डरकर आख़िरकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है लेकिन तभी जब उसके सारे हिंसक तरीक़े नाकाम हो जाते हैं और जब उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति पूरी तरह फ़ेल हो जाती है. भाजपा हमेशा के लिए ख़त्म होने वाली है. अभ्यर्थी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा.'
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यूपीपीएससी ने 5 नवंबर को घोषणा की थी कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में आयोजित की जाएगी. प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो पालियों में आयोजित की जाएगी. शेड्यूल के अनुसार, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा दो दिन - 7 और 8 दिसंबर, 2024 को - और दो पालियों में आयोजित की जाएगी. सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक और दोपहर 2:30 से 4:30 बजे तक. परीक्षा पूरे राज्य के 41 जिलों में आयोजित की जाएगी. हालांकि छात्र कई पालियों और शेड्यूल का विरोध कर रहे हैं और परीक्षा में कोई गड़बड़ी ना हो इसको यकनीनी बनाने के लिए आरओ-एआरओ परीक्षा एक ही दिन में एक ही पाली में आयोजित करने की मांग कर रहे हैं.
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विरोध प्रदर्शन के बारे में UPPSC ने क्या कहा? UPPSC सचिव अशोक कुमार ने एक ही दिन में एक ही पाली में परीक्षा कराने पर चुनौतियां आने की बात कही. उन्होंने कहा,'आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक जिला मुख्यालय के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सरकारी संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. पहले, वही छात्र सुरक्षा और पेपर लीक की चिंताओं के कारण निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने के खिलाफ थे.' कुमार ने आगे कहा,'कुल 576,000 उम्मीदवारों ने पीसीएस परीक्षा के लिए रजिस्टरेशन कराया है, जबकि सभी 75 जिलों में सिर्फ 435,000 छात्रों के लिए केंद्र उपलब्ध हैं. इन परिस्थितियों में दो दिनों में परीक्षा आयोजित करनी पड़ रही है.'