नाबालिग को 95 हजार रुपए में बेचा, आरोपियों के चंगुल से ऐसे निकली पीड़िता, सुनाई दर्द भरी दास्तां
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नाबालिग को 95 हजार रुपए में बेचा, आरोपियों के चंगुल से ऐसे निकली पीड़िता, सुनाई दर्द भरी दास्तां

झारखंड की एक 15 साल की नाबालिग बालिका को 95 हजार रुपए में बेचे जाने का मामला सामने आया है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है. पढ़िए पूरी खबर...

सांकेतिक चित्र

अशोकनगर: झारखंड की रहने वाली एक 15 साल की नाबालिग बच्ची को 95 हजार रुपए में बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पीड़िता की शिकायत पर नईसराय थाने में तीन महिलाओं और एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपियों के चंगुल से बचकर निकली पीड़िता ने पुलिस के सामने बयान दर्ज कराए हैं. 

नाबालिग को झारखंड से लाकर अशोकनगर में बेचने के इस मामले में तीन महिलाओं की भागीदारी सामने आयी है. नाबालिग ने बताया कि वो झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली है. उसे झारखंड की रहने वाली तीन महिलाओं ने 95 हजार रुपए में बेचा था. खरीदने वाले शख्स ने उससे शादी भी थी. ये सब हो जाने के बाद पीड़िता ने बीते 2 नवंबर को गुना चाइल्ड लाइन को फोन किया और जैसे-तैसे आरोपियों के चंगुल से बचकर निकली. बाद में उसे बाल कल्याण समिति न्यायपीठ के समक्ष पेश किया गया. 

आरोपी महिलाओं के गिनाए नाम
नाबालिग बच्ची ने बताया कि उसे पूनम मातो, गीता साहू, नेहा पात्रों झारखंड से पहले कोटा ले गई थीं. उसके बाद गुना लेकर आईं. इन लोगों ने गुना निवासी संतोष कुशवाह के साथ मिलकर पहले गुना में बेचने का प्रयास किया और फिर नई सराय के देवेन्द्र कुशवाह को 95 हजार रुपए में बेच दिया था. देवेंद्र ने उससे शादी भी की थी. पीड़िता के बयान पर पुलिस जांच में जुट गई है. 

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एसपी ने की मुलाकात
नाबालिग को फिलाहल वन स्टॉप सेंटर पर रखा गया है. जहां खुद एसपी उससे मिलने भी पहुंचे. एसपी रघुवंशी सिंह भदौरिया ने बताया कि सब इंस्पेक्टर ने बच्ची के वीडियो रिकॉर्डिंग बयान भी लिए हैं, जिसमें उसने खुद को झारखंड की रहने वाली बताया है और उसके बयान में एक जगह 95 हजार रुपए में बेचने का जिक्र भी है. नाबालिग को बेचने वाली एक महिला वापस झारखंड चली गई है. ऐसी जानकारी हमें लगी है. सभी आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी. आरोपियों की तलाश में एक पुलिस टीम झारखंड भेजी जाएगी.

आर्थिक रूप से कमजोर है नाबालिग का परिवार
एसपी ने बताया कि पीड़िता के बयानों से लग रहा है कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है. उसका परिवार नशे के कारोबार में लिप्त था. 

कैसे निकली आरोपियों के चंगुल से
पीड़िता द्वारा बाल कल्याण समिति को दिए बयान के अनुसार तीन महिलाएं नाबालिग को काम दिलाने का कहकर झारखंड से लेकर आई थीं. लॉकडाउन के समय अप्रैल-मई में गुना में रहीं. इस दौरान उसे बेचा जा रहा है, इसकी जानकारी नाबालिग को नहीं लगी, लेकिन जब 3 से 4 महीने बाद भी उसे घर नहीं जाने दिया गया तो उसने बीते 1 नवंबर को चाइल्ड लाइन पर फोन किया, जिसके अगले दिन ही टीम उसके पास पहुंच गई थी.

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