MP: आजादी के 72 साल बाद इस गांव में आई बिजली, लोगों ने पहली बार देखा स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम
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MP: आजादी के 72 साल बाद इस गांव में आई बिजली, लोगों ने पहली बार देखा स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम

मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के एक गांव में आजादी के 72 साल बाद पहली बार बिजली आई है. 

(फाइल फोटो)

जन्मजय सिन्हा, भोपाल: पूरा देश आजादी के 72वें साल का जश्न मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ले में लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया. इसी बीच मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के एक गांव में आजादी के 72 साल बाद पहली बार बिजली आई है. मध्यप्रदेश का इस गांव में 2018 का स्वतंत्रता दिवस लंबे समय से फैले अंधेरे के बाद मिले उजाले की खुशियों के साथ मनाया जाएगा. जी हां आगर मालवा जिले के इस गांव में आज़ादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची है. यहां पर पहली बार गांववाले अपने घर में  बैठकर टीवी पर स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय कार्यक्रम देख सकेंगे. 

आज़ादी के सात दशक बीत जाने के बाद आगर मालवा जिले के धामनिया गांव में दो माह पहले सौभाग्य लक्ष्मी योजना से बिजली पहुंची तो गांव वालों की खुशियों का ठिकाना नहीं  रहा. इतने साल अंधेरे में गुजारने के बाद जब रोशनी पहुंची तो बच्चों का भविष्य भी संवरता दिखाई दे रहा है. 

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गांव छोड़कर जा रहे थे लोग 
इस ग्राम की आबादी कभी हजार से ज्यादा होती थी लेकिन बिजली व अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण धीरे-धीरे लोग गांव छोड़कर जाते रहे. आज इस गांव में लोगों की संख्या महज दो सौ भी नहीं है, लेकिन लंबे इंतजार के बाद आखिर ग्राम में बिजली पहुंचने से ग्रामीणों में खुशी की लहर आ गई है. देश तो कई दशक पहले आज़ाद हो गया मगर इनके लिए यह असली आजादी है. 

बिजली आने से खुश हैं गांववाले 
चालीस साल पहले ग्राम में ब्याह के आईं कृष्णाकुंवर खुश हैं कि ग्राम में लाइट आने के बाद अब उन्हें भी गर्मियों में कूलर पंखे की हवा मिल सकेगी. वहीं बुलबुल और चन्दर इस ग्राम के ऐसे बच्चे हैं जो अब तक चिमनी के उजाले में ही पढ़ाई करते थे. लेकिन इस साल से ये बच्चे बिजली के उजाले में रात में या सुबह जल्दी उठकर भी पढ़ाई कर सकेंगे. 

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मिल गई अंधेरे से उजाले की आजादी 
आधी रात के अंधेरे में मिली आजादी के बाद जहां पूरा देश रोशनी में आजादी का यह पर्व धूमधाम से मनाता रहा है. वहीं वर्षों से अंधेरे में जकड़े धामनिया गांव के लोगों को भी आखिर इस साल अंधेरे से आजादी मिल ही गई. इस साल गांव में आई बिजली के उजाले ने इस गांव में आजादी के जश्न की खुशी दोगुनी कर दी है. 

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