अजीत जोगी की मुश्किलें बढ़ी, फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में कसा शिकंजा
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अजीत जोगी की मुश्किलें बढ़ी, फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में कसा शिकंजा

बाद में मरवाही के ही संतकुमार नेताम ने अजीत जोगी की जाति मामले में शिकायत की, यह शिकायत केस में तब्दील होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने जोगी की जाति तय करने राज्य सरकार को 2011 में हाईपावर कमेटी बनाने के लिए कहा है.

अजित जोगी की परेशानी बढ़ती दिख रही है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi) पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में शिकंजा कसता जा रहा है. पहले हाई पावर कमेटी ने अजीत जोगी (Ajit Jogi) की जाति पर फैसला दिया, अब जाली प्रमाण पत्र बनाने के अपराध में बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में उनके खिलाफ गैरजमानती धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया गया है. अब जोगी इसे अपने खिलाफ साजिश बता रहे हैं. वहीं कांग्रेस इसे प्रक्रिया का हिस्सा बता रही है. इंदौर के कलेक्टरी के बाद अजीत जोगी (Ajit Jogi) का जैसे ही राजनीति में पर्दापर्ण हुआ अजीत जोगी (Ajit Jogi) की जाति पर विवाद शुरू हो गया था. पहले अजीत जोगी (Ajit Jogi) जब कांग्रेस से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने तब बीजेपी ने अजीत जोगी (Ajit Jogi) की जाति को फर्जी बताते हुए इसकी जांच की मांग की. 

बाद में मरवाही के ही संतकुमार नेताम ने अजीत जोगी (Ajit Jogi) की जाति मामले में शिकायत की, यह शिकायत केस में तब्दील होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने जोगी की जाति तय करने राज्य सरकार को 2011 में हाईपावर कमेटी बनाने के लिए कहा. तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 2011 में हाई पावर कमेटी बनाई, जिसका फैसला 2017 में आया. इस फैसले को जोगी ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया समीति के सदस्यों की संख्या, एक ही व्यक्ति को कई पदों पर रखे जाने और ग्राम सभा का प्रस्ताव समेत जोगी का पक्ष नहीं लिए जाने जैसे कई त्रुटियों की वजह से कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और सरकार को नई कमेटी बनाने के लिए कहा. भूपेश सरकार ने जोगी की जाति जांचने नई हाईपावर कमेटी बनाई इसने तय समय में फैसला दिया और जोगी को आदिवासी नहीं माना. अजीत जोगी (Ajit Jogi) इस रिपोर्ट को भी हाईकोर्ट में चैंलेंज करने जा रहे हैं.

इन सबके बीच अजीत जोगी (Ajit Jogi) पर छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति और जनजाति पिछड़ा वर्ग सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण विनिमयन अधिनियम 2013 की धारा 10, 1 गैरजमानती धारा में अपराध दर्ज कर लिया गया है. इस धारा में 2 वर्ष तक कारावास और 2 से बीस हजार तक जुर्माना का प्रावधान रखा गया है. 

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एफआईआर होने के बाद अमित जोगी शुक्रवार को बिलासपुर के सिविल लाईन थाने पहुंचे, अमित जोगी ने कहा कि, उनके पिता के जाति के आधार पर उन्हें आदिवासी माना गया है. इसलिए उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए. 

कांग्रेस का कहना है किे, जोगी के जाति का मामला लंबे समय से चल रहा है, इस पर जोगी को झूठा आरोप सरकार पर नहीं लगाना चाहिए. जो कार्रवाई हो रही है वह विधि के अनुसार हो रही है. 

अजीत जोगी (Ajit Jogi) पर एफआईआर को लेकर बीजेपी का कहना है कि बीजेपी पहले से अजीत जोगी (Ajit Jogi) के आदिवासी होने का आरोप लगाती रही है, जबकि कांग्रेस इसका बचाव करती है. अब कांग्रेस को जवाब देना चाहिए.

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