MP Vidhan Sabha chunav: 2019 मध्य प्रदेश में कांग्रेस की 15 महीने की सरकार गिराने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस लगातार हमलावर है. सरकार गिरने के बाद कई मौकों पर कांग्रेस नेताओं का दर्द सामने आ चुका है. कई बार तो सिंधिया को लेकर कड़वे बयान भी सामने आ चुके हैं. अब कांग्रेस के एक और बड़े नेता ने सिंधिया पर निशाना साधा है.
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MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 2019 में कांग्रेस की 15 महीने की सरकार गिराने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस लगातार हमलावर है. सरकार गिरने के बाद कई मौकों पर कांग्रेस नेताओं का दर्द सामने आ चुका है. कई बार तो सिंधिया को लेकर कड़वे बयान भी सामने आ चुके हैं. अब कांग्रेस के एक और बड़े नेता ने सिंधिया पर निशाना साधा है.
कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन से पहले सभा में प्रदेश के पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि कांग्रेस दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और रणदीप सुरजेवाला के नेतृत्व में मजबूत सरकार बनाएगी. कांग्रेस से बेईमान देशद्रोही और अंग्रेजों की गुलामी करने वाले सभी बाहर हो गए हैं. अरुण यादव ने पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लेकर कहा- इनके खानदानी इतिहास को इन्होंने पिछले चुनाव की निर्वाचित और मजबूत सरकार को गिराकर फिर दोहराया. ऐसे लोगों की हिस्सेदारी कांग्रेस ने खत्म कर दी है.
यादव ने की छक्का-चौका मारने की बात
यादव ने आगे कहा कि इनके हाल भाजपा में भी देखने लायक हैं. ये वही लोग है जो कांग्रेस में अग्रिम पंक्ति में बैठते थे अब आखिरी पंक्ति में बैठे नजर आते हैं अरुण यादव ने सभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि इस बार फिर कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार में आएगी. खरगोन में कांग्रेस छक्का मारेगी. छह की छह सीट जीतेगी. बड़वानी में कांग्रेस चौका मारेगी चार की चार सीटें जीतेगी.
बीजेपी के नाराज नेताओं को लेकर कमलनाथ ने कसा तंज
इधर, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- भाजपा के रणनीतिकार अपने ही चक्रव्यूह में फंस गए हैं. भाजपा के दिल्ली दरबार और दरी बिछाने वाले कार्यकर्ताओं में जंग छिड़ी है. यही वजह है कि जबलपुर में एक तरफ भाजपा नेता अमित शाह बड़ी-बड़ी रणनीति और संगठन की बातें करते रहे तो दूसरी तरफ वहीं के भाजपा महानगर अध्यक्ष ने पार्टी में लगातार हो रहे अपमान के कारण पद से इस्तीफा दे दिया. यह हाल अकेले जबलपुर का नहीं है, पूरे मध्य प्रदेश में भाजपा में इस बात पर रोष है कि प्रदेश में क्या सारे नेता सक्षम हो गए हैं जो दिल्ली उनके ऊपर थोपी जा रही है.