सदन स्थगन को लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर आरोप लगाए. जिस पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ये हंगामा नहीं था, हमने बस आवाज उठाई.
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आकाश द्विवेदी/भोपालः विधानसभा समय से पहले स्थगित होने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. इसके लिए कांग्रेस प्रदेश भर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही है. भोपाल में हुई ऐसी ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सरकार पर कई आरोप लगाए.
कोरोना को लेकर सरकार को घेरा
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में लोगों को इलाज, ऑक्सीजन और रेमेडिसिविर इंजेक्शन नहीं मिला. सरकार कोरोना से मौत के आंकड़े छिपा रही है. सदन को कुछ घंटों के लिए चलाने पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीजेपी तानाशाही की तरफ देश को ले जा रही है. सिर्फ विधेयक पास कराने के लिए कुछ घंटों के लिए सदन चलाई गई.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कही ये बात
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि कार्यसूची से पता चलता है कि सदन में कितनी कार्यवाही होने वाली है. 10 तारीख की कार्यसूची में सिर्फ 6 विधेयक और बजट अंकित किया गया था. इससे साफ है कि सिर्फ शासकीय कामों के लिए सदन बुलाई गई. सब पहले से तय था कि इतने दिन ही विधानसभा चलानी है.
सदन स्थगन को लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर आरोप लगाए. जिस पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ये हंगामा नहीं था, हमने बस आवाज उठाई.
ग्वालियर में पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने संभाला मोर्चा
ग्वालियर में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गोविंद सिंह ने प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में शिवराज सरकार, लोकतंत्र का हनन कर रही हैं. सरकार सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चा से बच रही है. जनता की आवाज उठाने वालों को एफआईआर दर्ज कराकर चुप कराया जा रहा है.
विपक्ष विधानसभा में बाढ़ के हालतों और कोविड के नाम पर हुए भ्रष्टाचार पर चर्चा करना चाहता था लेकिन सरकार विपक्ष के सवालों से डर गई. आरक्षण को लेकर गोविंद सिंह ने कहा कि सरकार आरक्षण देने के मूड में नहीं है. पूर्व मंत्री ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने का प्रयास किया.
बीजेपी ने किया पलटवार
कांग्रेस द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की आलोचना करने पर भाजपा ने पलटवार किया है. बीजेपी सरकार के मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का सभी को अधिकार है लेकिन कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है. कांग्रेस के विधायकों ने ही हंगामा कर विधानसभा की कार्रवाई स्थगित करवाई. उन्होंने कहा कि विधायक ही नहीं उनके नेता कमलनाथ के पास भी बोलने के लिए कुछ नहीं था. इसलिए विधानसभा की कार्रवाई रोकी गई. हम तो सदन चलाना चाहते थे.