बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों में कोरोना वैक्सीन को लेकर भय और भ्रांतियां फैली हुई हैं. लोगों को यह लगता है कि वैक्सीन लगने के बाद उनकी मौत भी हो सकती है. हाल ये है कि जागरुकता के अभाव में लोग न केवल वैक्सीन लगवाने से मना कर रहे हैं.
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आर बी परमार/निवाड़ी: मध्य प्रदेश के पिछड़े बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों में कोरोना वैक्सीन को लेकर भय और भ्रांतियां फैली हुई हैं. लोगों को यह लगता है कि वैक्सीन लगने के बाद उनकी मौत भी हो सकती है. हाल ये है कि जागरुकता के अभाव में लोग न केवल वैक्सीन लगवाने से मना कर रहे, बल्कि स्वास्थ्य महकमे की जो टीमें गांव में वैक्सीनेशन को जा रही हैं, उनके साथ गाली-गलौच के अलावा मारपीट पर उतारू हो रहे हैं.
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हालात को देखते हुए जब निवाड़ी जिले के कलेक्टर आशीष भार्गव खुद गांव वालों को समझाने पहुंचे तो एक ग्रामीण महिला उनपर ही भड़क गई. इतना ही नहीं महिला ने टीका लगवाने से मना कर दिया और पूछा यदि टीका लगवाने से हम मर गए तो कौन लोग जिमेदार होंगे.
जब कलेक्टर ने गुस्से में बोली ये बात
महिला के इस जबाव से कलेक्टर आशीष भार्गव को भी गुस्सा आ गया और उस महिला के जवाब पर नाराजगी जाहिर करते हुए बोले, क्या वैक्सीन लगवाने वाले पागल हैं. सब लोग टीका लगवाने के बाद मर गए क्या? उन्होंने कहा कि, ''मेरी गारंटी है मैं जिम्मेदारी लेता हूं.''
वैक्सीन तो लगानी पड़ेगी: कलेक्टर
आक्रोशित कलेक्टर यह भी बोल गए कि वैक्सीन तो तुम लोगों को लगवानी ही पड़ेगी. इसके बावजूद भी महिला अपनी जिद अडी रही और टीका लगवाने से इंकार करती रही.
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कोरोना वैक्सीन को लेकर इस तरह की भ्रांतियां और भय के चलते टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में स्वास्थ्य महकमें और प्रशासन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. इस बात को स्वास्थ्य महकमा भी स्वीकार कर रहा है कि कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों को तरह-तरह की भ्रांतियां हैं.
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