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भोपाल: कत्ल की रात आ गयी है. ये वाकई कत्ल की रात है. इस रात नेताओं को नींद नहीं आयेगी. क्योंकि कल सुबह से फैसला (MP by election result) आना शुरू हो जाएगा. फैसला होगा कि 28 में से बीजेपी-कांग्रेस और बीएसपी और निर्दलीयों (Independent Candidate) को कितनी सीटें मिल रही हैं. बहुजन समाज पार्टी (BSP) और निर्दलीय भी अहम हैं, वो इसलिए कि सत्ता (MP GOVT.) के सिंहासन पर बैठने वालों को निर्दलियों की सीढ़ियों पर सवार होना ही होगा. सब कुछ आंकड़ों पर निर्भर करता है. जिसने जादुई आंकड़ा 115 को हासिल कर लिया या फिर सबसे ज्यादा विधायकों वाला दल बन गया तो वो सरकार बना लेगा. ऐसे फंसे हुए दौर में जिसने सरकार बना ली, वो राजनीति का सरताज होगा, जो हार गया उसके दामन पर ये दाग भी लग जाएगा कि राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले ये महारथी दिग्गज फंसे हुए दौर में अपनी सरकार को नहीं बचा पाये. इन चाणक्यों में शिवराज (Shivraj Singh Chouhan) भी हैं, कमल नाथ (Kamal Nath) भी और सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) भी हैं.
115 है जादुई आंकड़ा
एमपी में सत्ता हासिल करने के लिए बहुमत वाला जादुई आंकड़ा है 115, क्योंकि एक सीट फिलहाल खाली नहीं होती तो ये आंकड़ा 116 होता. उप चुनाव के नतीजे आने से पहले बीजेपी के पास फिलहाल 107 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 87 विधायक, बहुमत का आंकड़ा 115 हासिल करने के लिए बीजेपी (BJP Seat) को केवल 8 विधायक चाहिए. कांग्रेस को चाहिए 28 विधायक. बहुमत के जादुई आंकड़े के करीब तो कोई भी दल पहुंच जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा दल बनाने के लिए 4 निर्दलीय समेत सपा का 1 और बीएसपी के 2 विधायक मिलाकर कुल 7 विधायक भी अहम भूमिका निभाएंगे.
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अहम भूमिका में निर्दलीय विधायक
इन निर्दलीय, बसपाई और सपाई विधायकों की तासीर इस वक्त अपनी ताकत का एहसास कराके और ताकतवर बनने की रही है, इसलिए जहां बम वहां हम की तर्ज पर वो बहुमतधारी दल को अपना सपोर्ट दे देते रहे हैं. इसलिए इस बात की संभावना पूरी बलवती है कि ये सारे 7 विधायक आखिरी वक्त तक चुप्पी साधे रखेंगे और ये देखेंगे कि सबसे बड़ा दल कौन बन रहा है. बीजेपी और कांग्रेस की भी ये तरकीब है कि इन सातों किंग मेकरों को ये साबित कर सकें कि सर्वाधिक विधायक उनके पास हैं.
दोनों पार्टियों का तैयार है Plan B
बस यही वजह है कि बीजेपी हो या कांग्रेस प्लान बी पर काम कर रहे हैं. प्लान B (BJP Congress Plan B) यानि बहुमत का आंकड़ा या सबसे बड़ा दल साबित करने के लिए यदि एक दूसरे के अंदर सेंधमारी भी करनी पड़े तो की जाए. अपने विधायकों की संख्या को सबसे बड़ी संख्या साबित करने के लिए यदि दूसरे दलों के विधायकों के इस्तीफे भी कराना पड़े तो कराए जाएं. इसलिए उप चुनाव के नतीजों के साथ ही इन दोनों दलों के प्लान बी काफी अहम हो गए हैं. प्लान बी यानी सेंधमारी, तोड़फोड़ या खरीदफरोख्त भी.
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प्रलोभन देना कांग्रेस का काम, बीजेपी ऐसा नहीं करती
सीएम शिवराज ने कमल नाथ पर ये आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी कि कुछ गड़बड़ी हो सकती है. और कांग्रेस भी यदा-कदा आरोप लगाती ही रही है कि बीजेपी की तरफ से कांग्रेस विधायकों को प्रलोभन दिए जा रहे हैं. यानी प्लान बी को यही दिग्गज खुद ही वजूद भी दे रहे हैं. बीजेपी विधायक संजय पाठक कहते हैं कि बीजेपी में अनुशासन से सब बंधे होते हैं, इसलिए कांग्रेस की किसी भी कोशिश यहां नाकाम ही रहेगी. पार्टी के प्रदेश महासचिव भगवान दास सबनानी कहते हैं कि ये बीजेपी में संभव नहीं है, यहां विचारधारा प्रमुख है और सभी विधायक संगठन की शक्ति और विचारधारा के आधार पर ही विधायक बनता है. इसलिए कांग्रेस कोशिश भी करे तो आखिरी वक्त पर सब नाकाम हो जाएगा.
कांग्रेस लगा रही BJP से प्रलोभन मिलने के आरोप
उधर, कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी कई बार ये साबित कर चुकी है कि वो प्रलोभन देकर कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे दिलाती है. खरीदकर ही सरकार चलाना चाहती है. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि सिंधिया केसाथ गए 22 विधायकों के बाद चार विधायकों के अलग-अलग इस्तीफे दबाव बनाकर, खरीदफरोख्त करके और बाद में पदों से नवाज़कर कराये गए हैं. ये कोशिश अब भी जारी है, लेकिन उप चुनाव रिजल्ट के बाद तस्वीर उलट होगी.
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