टिकट को लेकर कांग्रेस में बगावत पर BJP ने ली चुटकी, कहा- ‘बुरे दिन’ में नहीं मिल रहे ‘अच्छे’ लोग
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टिकट को लेकर कांग्रेस में बगावत पर BJP ने ली चुटकी, कहा- ‘बुरे दिन’ में नहीं मिल रहे ‘अच्छे’ लोग

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासत जोरों पर है. जब से कांग्रेस ने 15 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, तब से पार्टी में घमासान छिड़ा है. इसी पर बीजेपी लगातार चुटकी ले रही है.

फाइल फोटो

राज सेनी/रायसेन: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासत जोरों पर है. जब से कांग्रेस ने 15 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, तब से पार्टी में घमासान छिड़ा है. इसी पर बीजेपी लगातार चुटकी ले रही है. मंगलवार को पूर्व मंत्री और रायसेन जिले की सांची विधानसभा उप चुनाव के प्रभारी रामपाल सिंह ने कांग्रेस के टिकट वितरण पर जमकर निशाना साधा.

बीजेपी नेता रामपाल सिंह ने कंग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में उपचुनावों में कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होते ही सिर फुटव्वल हो रहा है. कांग्रेस के बुरे दिन चल रहे हैं. वो अपने विधायकों को तो बचा नहीं पाई और अब जो टिकट दे रही है उनमें भी लड़ाई हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय मेरे बंगले के बंगल में है टिकट को लेकर वहां घमासान है. टिकट के लिए कांग्रेस को अच्छे लोग नहीं मिल रहे हैं. 

टिकट के लालच में कांग्रेस में आए, नहीं मिला तो बोले- मेरा वकील कमजोर था

आपको बता दें कि कांग्रेस ने शुक्रवार को 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. मध्य प्रदेश की दिमनी विधानसभा सीट से रविंद्र सिंह तोमर, अंबाह सीट से सत्य प्रकाश,गोहद सीट से मेवाराम जाटव, ग्वालियर से सुनील शर्मा, डबरा से सुरेश राजे, करैरा सीट से प्रागी लाल जाटव, भांडेर से फूल सिंह बरैया, बमोरी से कहैन्या लाल, अशोक नगर से आशा दोहरे, अनुपपूर से विश्वनाथ, सांची से मदन लाल चौधरी, आगर से विपिन वानखेड़े,  हाटपिपलिया से राजवीर सिंह बघेल, नेपानगर से राम किश्न, सांवेर से प्रेमचंद गुड्डू को टिकट दिया था. 

टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस में छिड़ी बगावत
कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद बगावत के सुर तेज होने लगे हैं.  कांग्रेस में आए बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष गोपाल कौल ने अशोक नगर सीट से टिकट ना मिलने पर कहा था कि मेरा वकील कमजोर था, इसलिए मुझे कांग्रेस से टिकट नहीं मिला. कांग्रेस ने आशा दोहरे के वकील की बात मानी, इसलिए उन्हें मैदान में उतार दिया गया. उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि राजनीति में वकालत तो चलती है,बिना वकील के कांग्रेस में टिकट नहीं मिलता. 

गौरतलब है कि करैरा में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के विरोध में नारे लगाए  थे औऱ प्रागीलाल जाटव का पुतला दहन किया था इसी के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि अगर करैरा उपचुनाव में टिकट नहीं बदला तो भारी संख्या में कार्यकर्ता कमलनाथ को इस्तीफा भेजेंगे.

प्रागीलाल जाटव हाल ही में बीएसपी का साथ छोड़ कांग्रेस के साथ आए हैं. वे तीन बार बीएसपी से चुनाव लड़े,  दो बार दूसरे नम्बर रहे और एक बार 2018 में तीसरे नम्बर पर आए थे.  अभी तक उन्होंने किसी भी चुनाव में जीत हासिल नहीं की है.

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