मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को हुए क्रॉस वोटिंग घटनाक्रम पर बीजेपी आलाकमान ने नाराजगी जताई है. प्रदेश बीजेपी नेतृत्व से पार्टी आलाकमान नाराज़ है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को हुए क्रॉस वोटिंग घटनाक्रम पर बीजेपी आलाकमान ने नाराजगी जताई है. प्रदेश बीजेपी नेतृत्व से पार्टी आलाकमान नाराज़ है. घटनाक्रम को वक्त रहते नियंत्रित नहीं कर पाने पर केंद्रीय नेतृत्व ने नाखुशी जताई है. इतना ही नहीं, कांग्रेस सरकार गिराने वाले बयानों के लेकर भी शीर्ष नेतृत्व नाराज है.
प्रदेश नेतृत्व नारायण त्रिपाठी और शरद कोल के असंतोष को भांप नहीं पाया. शायद इसी का नतीजा है कि बुधवार को विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक पर हुए मत विभाजन में पार्टी के इन दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार का समर्थन किया. दिल्ली से गुरुवार को दिनभर प्रदेश के नेताओं से अपडेट लिया जाता रहा. मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. शुक्रवार को वह पार्टी के शीर्ष नेताओं को घटनाक्रम की रिपोर्ट देंगे.
पक्ष-विपक्ष दिनभर रणनीति बनाते रहे
प्रदेश में गुरुवार का दिन चोट खाए विपक्ष और सत्ताधारी कांग्रेस ने अगली रणनीति बनाने में गुजारा. दोनों ही पार्टियां बंद कमरों में अगले दांव से एक-दूसरे को चित करने के लिए मंथन में मशगूल रहे. नेताओं की बैठकों का दौर चला. राजधानी के बीजेपी कार्यालय में पूरे दिन गहमा-गहमी रही. संगठन के पदाधिकारियों के अलावा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और नरोत्तम मिश्रा का अधिकांश समय विचार-विमर्श के बीच बीता.
एक तरफ जहां भाजपा के नेता रणनीति बनाने में लगे रहे तो दूसरी ओर कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रही. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरे दिन मंत्रियों से अलग-अलग चर्चा की. मंत्रियों पर पहले से तीन से चार विधायकों से लगातार संपर्क में रहने और उनकी मांगों को पूरा के निर्देश दिए जा चुके हैं. हालांकि, कमलनाथ की ओर से गुरुवार को बुधवार के घटनाक्रम पर कोई बयान नहीं आया. राजनीति के जानकारों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में राज्य की सियासत में उठापटक का दौर जारी रहेगा.
(इनपुट IANS से भी)