CG News: राज्यसभा ने छत्तीसगढ़ में धनुहार और बिंझिया सहित 12 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता देने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी, जिससे लगभग 10 लाख आदिवासी लोगों को लाभ होगा. जिसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.
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सत्य प्रकाश/रायपुर: राज्यसभा ने कल संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को अपनी मंजूरी दी है. जिसके बाद इसको लेकर छत्तीसगढ़ (CG News) में सियासत शुरू हो गई है. 12 जनजातियों को लेकर कल राज्यसभा में पास विधेयक के मसले पर भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के करीब 10 लाख जनजाति लोगों को इसका फायदा मिलेगा. अरुण साव ने कहा कि जब इस विषय पर लोकसभा में चर्चा हो रही थी तो छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सदन से गायब थी. कांग्रेस पिछड़े वर्ग और आदिवासी समाज की कभी हितैषी नहीं रही है.
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छत्तीसगढ़ के करीब 10 लाख आदिवासियों को मिलेगा लाभ
बता दें कि अरुण साव ने कहा कि कल का दिन ऐतिहासिक था. 12 जनजातियों को लेकर कल विधेयक राज्यसभा में पास हुआ. लिपकीय त्रुटि की वजह से वे अनुसूचित जनजाति के बाहर थे. संविधान प्रदत अधिकारों से वे वंचित रहे, लेकिन पीएम मोदी ने उनकी आवाज सुनी. अब उन्हें अनुसूचित जनजाति का लाभ मिलेगा. छत्तीसगढ़ के करीब 10 लाख जनजाति लोगों को इसका फायदा मिलेगा. छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं ने लगातार इसके लिए पहल किया है, लेकिन बड़ी बात ये है कि जब इस विषय पर लोकसभा में चर्चा हो रही थी, तो छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सदन से गायब है. कांग्रेस पिछड़े वर्ग और आदिवासी समाज की कभी हितैषी नहीं रही. चाहे आरक्षण का मसला हो या ये मसला हो. गौरतलब है कि संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को राज्यसभा की मंजूरी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को आधिकारिक तौर पर अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है.
रमन सिंह ने भी साधा निशाना
वहीं पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि 12 जनजातीय समाज को अब उनके सभी संवैधानिक फायदा मिलेगा. ये फैसला सिर्फ आज के लिए नहीं, बल्कि पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण है. मैंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. भाजपा आने वाले वक्त में इस समाज से मिलकर इनके खुशियों में शामिल होंगे. वहीं, सुकमा में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले पर रमन सिंह ने आरोप लगाया कि पालकों को भगा दिया गया. एफआईआर दर्ज नहीं हो रहा था, मेडिकल जांच नहीं कराया जा रहा था, त्वरित कार्रवाई नहीं की गई. अभी तक आरोपी पकड़ा नहीं गया है. ये सरकार की अनुसूचित जनजाति के प्रति सरकार के रवैये को बता रहा है. भाजपा के वरिष्ठ नेत्रियों की टीम वहां गई है.