Dearness Allowance Increased : छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों की मांग पर महंगाई भत्ता (DA) बढ़ा दिया है. वित्त विभाग ने मंगलवार को 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किए, लेकिन कर्मचारी संगठन इसमें और बढ़ोतरी के लिए अड़े हुए हैं. सरकार के इस फैसले का लाभ प्रदेश के करीब 4 लाख 8 हजार सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा. साथ ही सरकार के खजाने पर सालाना करीब 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
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सत्य प्रकाश/रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने लंबे आंदोलन के बाद अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर दी है. इसे लेकर राजस्व विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है. इसके अनुसार, सरकार ने 7वें वेतनमान वाले कर्मचारियों के के डीए में 6 फीसदी और छठवें वेतनमान वाले कर्मचारियों के डीए में 12 फीसदी की बढ़ोतरी की है, लेकिन कर्मचारी संगठनों को ये मंजूर नहीं है. उन्होंने अब फिर से आंदोलन का ऐलान कर दिया है.
सरकार के खजाने पर सालाना करीब 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों DA 6 फीसदी बढ़ा दिया है. मंगलवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया. 6% महंगाई भत्ता बढ़ने के बाद कुल अब कुल महंगाई भत्ता 28% हो जाएगा. सरकार के इस फैसले का लाभ प्रदेश के करीब 4 लाख 8 हजार सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा. साथ ही सरकार ने 6वें वेतनमान का लाभ पाने वाले कर्मियों का भी 15 प्रतिशत डीए बढ़ाया है. जिससका फायदा करीब 8 हजार कर्मचारियों को मिलेगा. वहीं इन फैसलों से सरकार के खजाने पर सालाना करीब 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. सरकार के आदेश के मुताबिक, ये भत्ता एक अगस्त 2022 से नगद भुगतान किया जाना है. कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का रुख- वहीं इस बीच छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन अपनी मांग पर अड़ा हुआ है.
22 अगस्त से आंदोलन करेगा कर्मचारी फेडरेशन
छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन को सरकार की ओर से बढ़ाए गए महंगाई भत्ते मंजूर नहीं हैं. फेडरेशन के प्रवक्ता पंकज पांडेय का कहना है कि हमारी मांग 12 प्रतिशत डीए बढ़ाने के लिए थी. 6 प्रतिशत डीए बढ़ने से कर्मचारियों में आक्रोश है. इसके लिए वो अब 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाएंगे. सरकार को हमारी मांग माननी चाहिए हम कोई अनुचित मांग नहीं कर रहे हैं.
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कर्मचारी संगठनों को मंजूर नहीं सरकार का आदेश
कर्मचारी नेताओं के अनुसार फेडरेशन में करीब 88 कर्मचारी-अधिकारी संगठन शामिल हैं. इनमें से अधिकांश छह प्रतिशत की बढ़ोतरी से संतुष्ट नहीं हैं. वे 22 अगस्त से घोषित अनिश्चितकालीन हड़ताल को यथावत रखना चाह रहे हैं. मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात के बाद फेडरेशन के पदाधिकारियों की एक और बैठक हुई. इसमें सभी संगठनों छह प्रतिशत की वृद्धि को अस्वीकार कर दिया.
क्या है छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, सातवें वेतनमान वाले कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 6 फीसदी बढ़ा कर 28 कर दिया गया है. वहीं छठवें वेतनमान वाले कर्मचारियों को 15 फीसदी का लाफ दिया गया है. अब उनका मंहगाई भत्ता 189% हो गया है. ये आदेश एक अगस्त 2022 लागू माना जाएगा. महंगाई भत्ते ( डीए ) की गणना मूल वेतन के आधार पर की जाएगी.
कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का रुख
वहीं इस बीच छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन अपनी मांग पर अड़ा हुआ है. फेडरेशन के प्रवक्ता पंकज पांडेय ने कहा है कि उनकी मांग 12% महंगाई भत्ते की थी जो पूरी नहीं की गई, साथ ही सातवें वेतनमान के मुताबिक एचआरए देने का भी आदेश नहीं आया. ऐसे में कर्मचारी आक्रोशित है और 22 से अनिश्चितकालीन आन्दोलन करने पर अडिग हैं.
बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस आदेश के बाद सरकार तंज कसा. अग्रवाल ने कहा- सरकार चाहती तो केंद्र के समान डीए दे सकती थी. लेकिन यह सरकार केवल वादों की सरकार है. इस सरकार से हर वर्ग नाराज है.
सीएम भूपेश बघेल ने ये कहा
वहीं सीएम भूपेश बघेल ने डीए बढ़ाने के फैसले को लेकर कहा कि सरकार ने कर्मचारियों के हित में डीए बढ़ाया है. बीजेपी को चिंता है तो केंद्र के पास जो प्रदेश सरकार का पैसा अटका है उसे दिलाए.