छत्तीसगढ़ के एक गांव में ग्रामीणों ने शराबबंदी का फैसला लिया है. खास बात यह है कि ग्रामीणों ने शराबबंदी के लिए कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिनकी चर्चा सब जगह हो रही है. क्योंकि इस गांव में शराब बेचने और खरदीने पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा.
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चुन्नीलाल देवागन/बालोद। शराब कई विवादों की बड़ी जड़ है. ऐसे में शराबबंदी को लेकर देशभर में कई प्रयास किए जाते हैं, छत्तीसगढ़ में भले ही शराबबंदी नहीं हुई है, लेकिन अब लोगों ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं. प्रदेश के बालोद जिले में एक गांव शराबबंदी के लिए ग्रामीणों ने एक ऐसा काम शुरू किया है, जिसे सुनकर सब ग्रामीणों की तारीफ कर रहे हैं. क्योंकि यहां के लोगों ने अब खुद शराबबंदी का फैसला लिया है. अब इस गांव में शराब बेचने पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा.
घुमका गांव में होगी शराबबंदी
मामला बालोद जिले के घुमका गांव का है, 3 हजार की आबादी वाले इस गांव के लोगों गांव में शराबबंदी का ऐलान कर दिया है. 3 हजार की आबादी वाले घुमका गांव में पिछले कई दिनों से अवैध शराब बिकने के मामले सामने आ रहे थे. कई लोगों को पुलिस ने जेल भेजा था. गांव के चौक-चौराहों पर कुछ लोग शराब पीकर महिलाओं को परेशान कर रहे थे. जिसके चलते ग्रामीण परेशान थे. यही वजह है. कि लोगों ने एक सामूहिक रुप से बैठक कर कुछ जरूरी फैसले लिए. जो कि इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं.
12 लोगों से हुई वसूली
इस बैठक में पूरे गांव के लोगों को बुलाया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई. बैठक में ये फैसला लिया गया कि यदि गांव का कोई शख्स शराब बेचते या खरीदते पाया गया तो उससे 51 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा. खास बात यह है कि बैठक के पहले दिन ही गांव के 12 लोगों से 45 हजार रुपए वसूले गए हैं. क्योंकि ये लोग शराब बेचते पकड़े गए थे.
हाईटेक तरीके से होगी निगरानी
खास बात यह है कि शराब बेचने और खरीदने वाले लोगों की निगरानी भी गांव में हाईटेक तरीके से होगी. क्योंकि बैठक में गांव में 10 दिन के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय किया गया है. जिससे लोगों पर निगरानी रखी जा सके. इन सब की निगरानी गांव की ग्राम समिति करेगी. बैठक में गांव में गाली गलौच करने वालों से 20 हजार रुपए और शराब बेचते व खरीदते पाए जाने पर 51 हजार रुपए जुर्माना वसूलने के फैसला लिया गया हैं. साथ ही डिस्पोजल बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
ग्रामीणों ने बताया कि बैठक में ऐसे लोगों को समझाइश दी गई हैं. जो इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल थे. उन्हें इस बात के लिए समझा दिया गया है कि अब आगे से इस तरह के काम गांव में नहीं होने चाहिए. शराबबंदी को लेकर पूरे गांव में सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ के इस गांव की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है. क्योंकि शराबबंदी के लिए यह ग्रामीणों द्वारा लिया गया एक अच्छा फैसला है.