दुर्ग के भिलाई में डायरिया के तेजी से फैलने और इससे संक्रमित 2 लोगों की मौत के बाद महापौर नीरज पाल ने नेताओं व अधिकारियों पर आरोप लगाया है.
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हितेश शर्मा/दुर्गः पिछले दिनों जिले में डायरिया ने जमकर कहर बरपाया था, सैकड़ों डायरिया की चपेट में आये तो वहीं भिलाई में दो लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद भिलाई नगर निगम के महापौर ने नौ सदस्य जांच टीम बनाई थी. 10 दिन में रिपोर्ट आनी थीं. लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी न तो जांच पूरी हुई और न ही प्रभावित क्षेत्र में कोई सुधार कार्य हुआ.
गंदा पानी पीने से सैकड़ों लोग हुए प्रभावित
दुर्ग के भिलाई में बैकुंठधाम और वंदानगर में पिछले दिनों डायरिया ने तेजी से पैर पसारे आम जन के डायरिया से प्रभावित होने के मूल कारण पीने का गंदा पानी था. नालियों से होकर गुजरने वाली पाइप लाइन और उनमें लीकेज की वजह से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए निगम के जल कार्य के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाते तो ऐसी नौबत नहीं आती 2 लोगों की मौत और सेकड़ों लोगों के डायरिया से पीड़ित होने के बाद राजनीति भी जमकर हुई.
महाौपर ने लगाया बड़ा आरोप
भिलाई मेयर नीरज पाल ने 9 सदस्यीय जांच टीम बना दी. लेकिन डायरिया फैलने की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली. महापौर नीरज पाल का कहना है कि अगले महापौर परिषद की बैठक मैं आयुक्त को प्रतिवेदन सौंप दिया जाएगा जो भी उसमें दोषी पाया जाएगा उस पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी. वहां पर जब पानी गंदा आया उसके बाद हमने 24 घंटे में कंट्रोल कर लिया था. नलों से आने वाला पीने के पानी की सप्लाई को रोककर टैंकरों से पानी सप्लाई की गई. लेकिन AC कमरों में बैठकर नीति और रणनीति बनाने वाले नेता और अधिकारियों ने अब तक जिम्मेदारी नहीं ली लोग मरते है तो मरते रहे, गंदा पानी पीते है तो पीते रहे नेताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
आपको बता दें कि पिछले दिनों डायरिया की चपेट में आने से दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसमें से एक छात्र था जिसकी उम्र महज 12 साल और दूसरा युवक 26 साल का युवा था.
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