Chhattisgarh News: आज हम आपको छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के उस गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के 55-60 साल के बुजुर्गों ने नक्सलियों के डर से आज तक वोट नहीं डाला है.
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Kanker Naxal Encounter: लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. मंगलवार को कांकेर जिले के छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के कलपर जंगलों में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें 29 नक्सली मारे गये. इस ऑपरेशन को डिप्टी CM विजय शर्मा ने इसे बस्तर पुलिस का नक्सलवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक कहा है. इसी बीच आज हम आपको कांकेर के घोर नक्सल प्रभावित कल्पड़ गांव की हिदुड़ पहाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के लोगों में नक्सलियों को लेकर इतना खौफ है कि यहां के 55-60 साल के बुजुर्गों ने आज तक वोट नहीं डाला है.
50-60 साल के बुजुर्गों ने कभी नहीं किया मतदान
बता दें कि कांकेर के घोर नक्सल प्रभावित कल्पड़ गांव की हिदुड़ पहाड़ी एक ऐसा इलाका है, जहां गांव के लोग मतदान के बारे में कुछ भी नहीं जानते. नक्सली खौफ ऐसा है कि युवा तो छोड़िए, 55-60 साल के बुजुर्गों ने भी डर के कारण आज तक वोट नहीं डाला है. वहीं सुरक्षा बलों की सफलता के बाद ज़ी मीडिया की टीम ने ग्रामीणों को मतदान के प्रति जागरूक किया है.
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सुरक्षा बलों के ऑपरेशन पर केंद्रीय गृह मंत्री का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेश को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सुरक्षाबल को बधाई दी है. उन्होंने X पर लिखा- आज छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं. इस ऑपरेशन को अपनी जांबाजी से सफल बनाने वाले सभी सुरक्षाकर्मियों को बधाई देता हूं और जो वीर पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. नक्सलवाद विकास, शांति और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं. सरकार की ऑफेंसिव नीति और सुरक्षा बलों के प्रयासों के कारण आज नक्सलवाद सिमट कर एक छोटे से क्षेत्र में रह गया है. जल्द ही छत्तीसगढ़ और पूरा देश पूर्णतः नक्सल मुक्त होगा.
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने उठाए सवाल
वहीं भूपेश बघेल ने कांकेर में जवानों के शौर्य की सराहना करते हुए पूर्व में हुए मुठभेड़ को फर्जी भी बताया. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को नक्सली बताकर मार गिराया गया था वह ग्रामीण था, उसके परिवार के लोगों ने बयान दिया है. रमन सिंह के कार्यकाल में कई फर्जी मुठभेड़ हुई हैं. इसे लेकर विधानसभा में आए दिन सवाल खड़े किए गए हैं.