PM Fasal Bima Yojana: किसानों के लिए जरूरी खबर, फसल बीमा रजिस्ट्रेशन के लिए आखिरी दिन आज
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PM Fasal Bima Yojana: किसानों के लिए जरूरी खबर, फसल बीमा रजिस्ट्रेशन के लिए आखिरी दिन आज

PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने की आज यानी 31 जुलाई आखिरी तारीख है. खरीफ की फसलों को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए किसान तुरंत रजिस्ट्रेशन करा लें. 

 

PM Fasal Bima Yojana: किसानों के लिए जरूरी खबर, फसल बीमा रजिस्ट्रेशन के लिए आखिरी दिन आज

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: प्रदेश के किसानों के लिए जरूरी खबर है. अगर आप भी अपनी खरीफ फसल को प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए बीमा कराना चाहते हैं तो झटपट अपना रजिस्ट्रेशन करा लें. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 31 जुलाई तक ही खरीफ फसलों के लिए पंजीयन होगा. खरीफ फसल में टिंडा, हरी मिर्च,टमाटर आदि शामिल हैं.  पंजीयन करना के लिए किसानों को ऑफिशियल वेबसाइट  http://pmfby.gov.in विजिट करना होगा. 

नुकसान की भरपाई करना उद्देश्य: PM फसल बीमा का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं में होने वाले फसल के नुकसान के लिए आर्थिक मदद देना है. साल 2016 में इस योजना की शुरुआत हुई थी, जिसके तहत बेमौसम बारिश, सूखा और अन्य प्राकृतिक अथवा स्थानीय आपदाओं की वजह से फसल को होने वाले नुकसान से किसानों को राहत दिलाती है. 

ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ पाने के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट pmfby.gov.in पर जाएं
- यहां अपना पंजीकरण कराएं
- इस योजना के तहत किसान किसी भी बैंक का बीमा करवा सकते हैं
- किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आवेदन के लिए अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र, PMFBY वेबसाइट, पोस्ट ऑफिस और बीमा मध्यस्थ (AIDE ऐप) की मदद भी ले सकते हैं
- इसके अलावा किसान कॉल सेंटर (1551) पर कॉल कर सकते हैं

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ये दस्तावेज जरूरी
- रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आधार कार्ड की कॉपी
- बैंक पासबुक के पहले पेज की कॉपी
- भूमि अधिकार दस्तावेज
-  राज्य सरकार की ओर से घोषित अन्य अनिवार्य दस्तावेज 

कैसे मिलता है बीमा का पैसा
- इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को आपदा के 72 घंटों में कृषि विभाग को फसल खराब होने की जानकारी देनी होती है.
- इसके बाद एक फॉर्म मिलता है, जिसमें फसल खराब होने का कारण, कौन-सी फसल बोई गई थी, कितने क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई है, इन सब बातों का ब्यौरा देना होता है. 
- साथ ही जमीन से संबंधित जानकारी भी देनी होती है.
- इस, फॉर्म में किसानों को बीमा पॉलिसी की फोटोकॉपी भी अटैच करनी होती है. 
- आवेदन करने के कुछ दिनों के बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के कर्मचारी निरीक्षण करने पहुंचते हैं. इस दौरान नुकसान का आकलन किया जाता है और सब कुछ सही पाए जाने पर किसान के बैंक अकाउंट में पैसे आ जाते है.

 

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