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रायपुर: झीरम घाटी नक्सली हमला एक बार फिर सियासत के केंद्र में है. झीरम घाटी हमले को लेकर राज्य सरकार ने नई जांच समिति का गठन किया है. इस जांच कमेटी के गठन के बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने हाईकोर्ट में जांच को रोकने के लिए याचिका दायर की है. 29 अप्रैल को इस पर सुनवाई हुई कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर 9 मई को अगली सुनवाई तय की है.
भाजपा की मंशा पर कांग्रेस के सवाल
नेता प्रतिपक्ष का कोर्ट जाना हुआ तो कांग्रेस ने भाजपा की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए. कैबीनेट मंत्री शिव डहरिया कांग्रेस भवन में प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि पहले केंद्रीय एजेंसिंया छत्तीसगढ़ के एसआईटी की जांच को रोकने के लिए दम लगा रही थी. एसआईटी जांच रोकने भी नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक कोर्ट पहुंचे थे. अब न्यायीक जांच आयोग की जांच को भी बीजेपी रोकना क्यों चाहती है.
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बीजेपी को किसे एक्सपोज होने का डर
डहरिया ने कहा भारतीय जनता पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि, जांच में उन्हें किसके एक्सपोज हो जाने का डर है, जिसकी वजह से बीजेपी जांच को रूकवाना चाहती है. किसने झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं की सुरक्षा को हटाया था.
कांग्रेस ने बताया क्यों सार्वजनिक नहीं की रिपोर्ट
जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में बनी न्यायीक जांच आयोग ने राज्यपाल को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी. उससे 2 माह पहले जांच आयोग का समय बढ़ाने की मांग भी सरकार से की थी. इस तथ्य को आधार मानते हुए कांग्रेस सरकार इस जांच रिपोर्ट को अधूरा मान रही है और पहले जांच कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है.
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कौशिक ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस के लगाए आरोपो को लेकर कहा है कि, उनके कोर्ट जाने से कांग्रेस क्यों तिलमिला जाती है. पहले न्यायिक जांच आयेाग की रिपोर्ट को सरकार ने सार्वजनिक क्यों नहीं किया है. कौशिक ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए है.
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