छत्तीसगढ़िया किसान परिवार का यह बेटा बन रहा है AAP पंजाब से राज्यसभा सांसद
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छत्तीसगढ़िया किसान परिवार का यह बेटा बन रहा है AAP पंजाब से राज्यसभा सांसद

आम आदमी पार्टी ने जिन पांच उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने का फैसला किया हैं, उनमें से एक नाम छत्तीसगढ़ के रहने वाले संदीप पाठक का है. संदीप पाठक का जन्म तत्कालिन बिलासपुर जिले के लोरमी में 4 अक्टूबर 1979 को हुआ था. 

छत्तीसगढ़िया किसान परिवार का यह बेटा बन रहा है AAP पंजाब से राज्यसभा सांसद

देवेश तिवारी/बिलासपुर: आम आदमी पार्टी ने जिन पांच उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने का फैसला किया हैं, उनमें से एक नाम छत्तीसगढ़ के रहने वाले संदीप पाठक का है. संदीप पाठक का जन्म तत्कालिन बिलासपुर जिले के लोरमी में 4 अक्टूबर 1979 को हुआ था. संदीप का पैतृक गांव लोरमी के करीब बटहा है. उनकी पांचवी तक की पढ़ाई भी बटहा गांव में हुई थी. कक्षा 6वीं में संदीप बिलासपुर में अपनी बुआ के घर बंगालीपारा गली नंबर 3 में रहने लगे. सरस्वती शिशु मंदिर तिलकनगर में उन्होंने 6वीं से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की बाद में वे हैदराबाद पहुंचे. वहां डिप्लोमा किया. यहां से आक्सफोर्ड जाकर पढ़ाई की. बाद में कैंब्रिज से उन्होंने पीएचडी की पढ़ाई की. सन 2016 में वे दिल्ली आईआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बने. आम आदमी पार्टी से जुड़े रहते हुए इन्होंने पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई जिसका परिणाम यह हुआ कि, आम आदमी पार्टी ने उन्हें पंजाब से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है.

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पिता शिवकुमार रह चुके हैं बीजेपी के मंडल अध्यक्ष 
प्रोफेसर संदीप पाठक के पिता का  पैतृक काम खेती किसानी है. इसके आलावा वे भागवत कथा का वाचन भी करते हैं. वे जनसंघ के जमाने से ही भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं. जरहागांव मंडल में वे भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष और मुंगेली जिले के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनका कहना है कि, वे भले ही भाजपा में हैं लेकिन राजनीतिक ​दृष्टीकोण से उन्होनें कभी संदीप के वैचारिक रूप से अपने रास्ते पर आने के लिए दबाव नहीं डाला. वे कहते हैं कि, संदीप वयस्क हैं उन्हें अपनी राजनीतिक विचाराधारा के चयन करने का अधिकार है. वे आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद बन रहे हैं इसकी उन्हें खुशी है.

संतोषी स्वभाव के रहे हैं संदीप 
संदीप पाठक की माताजी का कहना है कि, संदीप ने बचपन में कभी किसी चीज के लिए जिद नहीं की, जो कपड़े मिले पहन लिया, जो खाने को मिला खा लिया। पूरी लगन से पढ़ाई करते थे. उन्हें क्रिकेट खेलने का शौक था. जब भी पढ़ाई से समय मिलता वे क्रिकेट खेलने चले जाते थे.

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स्कूल के शिक्षकों ने जताई खुशी 
सरस्वती शिशु मंदीर ​तिलकनगर के आचार्य अनुपम दुबे का कहना है कि, विद्यालय के पढ़ा हुआ छात्र किसी भी क्षेत्र में तरक्की करे यह विद्यालय के लिए गौरव का विषय होता है. संदीप ने अपने शिक्षकों और ​विद्यालय का नाम रोशन किया है. संदीप को हिंदी पढ़ा चुकी शिक्षिका मीरा मिश्रा का कहना हैं कि, वे गौरवा​न्वित महसुस कर रही हैं कि,उनका पढ़ाया हुआ छात्र राज्यसभा में लोगों के मृद्दे उठाएगा. विद्यालय परिवार की ओर से उन्हें बहुत शुभकामनाएं भी दी.

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