Unique Wedding In korba: छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक भाई ने अपनी बहन की शादी में मिसाल पेश की है. उसने पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ अपने बहन को उपहार में 101 पौधे देकर विदा किया. इतना ही नहीं उसने अपने मेंहमानों को भी बड़ा सुंदर गिफ्ट दिया है.
Trending Photos
Unique Wedding In korba: नीलम पड़वार/कोरबा। आज के दौर में शादी के महंगे खर्चे और गिफ्ट देने की परंपरा हो चली है. इसमें लोग वनविवाहितों को बहुत से महंगे उपहार देते हैं. कई बार ये उपहार प्रकृति के लिए हानिकार होने के साथ कुछ समय बाद किसी उपयोग के नहीं होते. ऐसे में कोरबा की एक शादी में मिसाल सामने आई है. यहां अपनी बहन के शादी में एक भाई ने 101 पौधे उपहार में दिए. इसके साथ ही उसने समारोह में आए गेस्ट को भी रिटर्न गिफ्ट में पैधे भेंट किए.
महतो परिवार ने पेश की मिशाल
कोरबा निवासी चंद्रभूषण महतो एवं भुवनेश्वरी महतो कि बेटी निशा का विवाह बालको निवासी स्वतंत्र जायसवाल से साथ दिनांक 2 दिसंबर 2022 को सम्पन्न हुआ. इस विवाह में बिटिया को अन्य सामग्रियों के साथ भाई प्रशांत महतो ने दहेज में 101 पौधे दिए. इन पौधों में विभिन्न फलदार, छायादार पौधे शामिल है. विवाह में आये मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट में फलदार और औषधीय पौधे दिए गए.
ये भी पढ़ें: हिंदुओं को आतंकी बता बुरी फंसी लॉ प्रोफेसर, गृहमंत्री ने लिया एक्शन, अब होगी ये कार्रवाई
भाई ने 4 साल पहले शुरू की थी परंपरा
प्रशांत महतो चरामेति फाउंडेशन से जुड़े है. उन्होंने 27 अप्रैल 2018 को अपनी पहली बहन मनीषा महतो के विवाह कार्यक्रम में उपहार में पौधे देने की परंपरा की शुरुआत की गई थी. इन साढ़े चार सालों में प्रशांत ने 172 से ज्यादा वैवाहिक समारोह में पौधों को भेंट करने की परंपरा जारी है. फाउंडेशन के विभिन्न कार्यकर्ताओं ने भी अपने बहनों के विवाह में उपहार में पौधे भेंट किये.
अपनी शादी में मंगाया था किताबें
प्रशांत महतो ने 2017 में अपने विवाह के दौरान भी कार्ड में गिफ्ट के बजाय नई पुरानी किताबें लाने की अपील की थी और आज चरामेति फाउंडेशन के इन सभी छोटे-छोटे प्रयासों से विभिन्न समाजों में दशगात्र, षष्ठी, आदि कार्यकर्मों में भी पौधे आदान प्रदान का चलन बढ़ने लगा है.
ये भी पढ़ें: 7 साल पुराने मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ केस दर्ज, कोर्ट से लेनी होगी जमानत
अब तक लगाए कई हजार पौधे
प्रशांत महतो चरामेति फाउंडेशन के माध्यम से कई सेवा कार्यों का संचालन करते हैं. इसमें वृक्ष सेवा विश्व सेवा अभियान सबसे बड़ा प्रकल्प है. इस अभियान की शुरूआत 10 नवंबर 2017 को की गई थी. प्रथम दो चरणों मे 3000 वृक्ष रोपित किये गए हैं. विगत वर्ष के 1700 पौधे संरक्षित है. इसके संरक्षण के लिए 2 कार्यकर्ता रखे गए जो उसके खाद पानी आदि की व्यवस्था करते है.
ये भी पढ़ें: देश-विदेश में पॉपुलर हैं मध्य प्रदेश की ये यूनिवर्सिटी, जानें संस्थानों की पूरी डिटेल
क्यो सोचना है प्रशांत महतो का
प्रशांत महतो बताते है इस विचार के पीछे कई कारण है, जिनमे से प्रमुख जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संतुलन के प्रति भावनात्मक रूप से लोगों को जोड़ने की कोशिश और वैवाहिक समारोह में महंगे खर्चीले अनुपयोगी गिफ्टों को रोकने की कोशिश है. कोई भी गिफ्ट सामान या तो कई घरों में घूमते रहता है या फिर कुछ समय में अनुपयोगी हो जाता है, लेकिन शिद्दत से लगाया एक वृक्ष सैकडों सालों तक आपको जीवन देता है.