छत्तीसगढ़ में मिला विश्व का सबसे छोटा हिरण, रात में भटकते हुए रिहायशी इलाके में पहुंचा
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छत्तीसगढ़ में मिला विश्व का सबसे छोटा हिरण, रात में भटकते हुए रिहायशी इलाके में पहुंचा

छ्त्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ी में विश्व के सबसे छोटे प्रजाति का हिरण मिला है. जो सुभाष नगर में रात के समय जंगल से भटकते हुए आ गया जो कि घायल अवस्था में था. जिसकी सूचना वहां के लोगों ने वन विभाग को दी.

छत्तीसगढ़ में मिला विश्व का सबसे छोटा हिरण, रात में भटकते हुए रिहायशी इलाके में पहुंचा

दंतेवाड़ा: छ्त्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ी में विश्व के सबसे छोटे प्रजाति का हिरण मिला है. जो सुभाष नगर में रात के समय जंगल से भटकते हुए आ गया जो कि घायल अवस्था में था. जिसकी सूचना वहां के लोगों ने वन विभाग को दी. वन विभाग की टीम ने उस जीव को आवासीय इलाके से निकाल के कार्यालय ले गए. जंगल सफारी के पशु चिकित्सकों ने हिरण का इलाज किया और फिर उसे जंगल में छोड़ दिया.

बता दें कि सबसे छोटे हिरण के आहार हेतू विशेष जंगली घांस, अमरूद, डूमर एवं अन्य फलों की प्रतिदिन व्यवस्था करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी. जिसे स्थानीय पर्यावरण प्रेमी युवाओं और वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर कर दी.

विश्व का सबसे छोटा हिरण
यह अत्यंत दुर्लभ प्रजाति का हिरण इंडियन माउस डियर (इंडियन स्पॉटेड शेवरोटेन) जिसका वैज्ञानिक नाम मोसियोला इंडिका हैं. ये विश्व की सबसे छोटी हिरण की प्रजाति मानी जाती हैं. इसकी लंबाई 57.5 cm होती हैं और वज़न 3 किलोग्राम के आस पास होता हैं.

ये रात में निकलने वाला जीव हैं और बहुत मुश्किल से ही देखने को मिलता हैं. यहां तक की कैमरा ट्रैप में भी इसकी कम ही तस्वीरे हैं. ये छुपने में बहुत माहिर होता हैं. और जंगल में इसे देख पाना भी आसान नहीं होता. यहीं कारण हैं कि इसके बैलाडीला में होने की जानकारी अब तक नहीं थी. इन वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए बैलाडीला की जंगलों को बचाना आवश्यक है. जो कि धीरे धीरे खत्म होते जा रहा है.

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