बच्चों के रिजल्ट ने बढ़ाई शिक्षकों की मुश्किलें, वेतन वृद्धि पर चल सकती है कैंची
Advertisement

बच्चों के रिजल्ट ने बढ़ाई शिक्षकों की मुश्किलें, वेतन वृद्धि पर चल सकती है कैंची

बता दें इस मामले में शैक्षणिक जिला सक्ती के 42 शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है वहीं जांजगीर में प्राचार्यों की भी सूची मंगाई गई है. जांजगीर चांपा में इस साल बोर्ड परीक्षा में हाई स्कूल के 12 हजार से अधिक विद्यार्थी फेल हुए हैं

19 सरकारी स्कूल हैं जिनका परिणाम 40 प्रतिशत से कम है, वहीं जांजगीर-चांपा में ऐसे 24 स्कूल हैं. (फाइल फोटो)

रायपुरः छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में इस बार बच्चों के खराब प्रदर्शन ने शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जिले के 43 स्कूलों में बोर्ड का रिजल्ट 40 प्रतिशत से कम है, जिसके चलते शिक्षकों के वेतन वृद्धि रोकने का निर्णय लिया गया है. बता दें इस मामले में शैक्षणिक जिला सक्ती के 42 शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है वहीं जांजगीर में प्राचार्यों की भी सूची मंगाई गई है. जांजगीर चांपा में इस साल बोर्ड परीक्षा में हाई स्कूल के 12 हजार से अधिक विद्यार्थी फेल हुए हैं, वहीं हायर सेकेंडरी में 30 से 33 प्रतिशत विद्यार्थियों को असफलता मिली है. 

सक्ती शैक्षणिक जिला में ऐसे 19 सरकारी स्कूल हैं जिनका परिणाम 40 प्रतिशत से कम है, वहीं जांजगीर-चांपा में ऐसे 24 स्कूल हैं. अब इन स्कूलों के रिजल्ट की समीक्षा की जाएगी. जिन विषयों में विद्यार्थी अधिक फेल हुए हैं उन विषयों के शिक्षकों का इंक्रीमेंट भी रोका जाएगा. हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल के निराशाजनक परिणाम पर कलेक्टर ने शैक्षणिक जिला सक्ती और जांजगीर-चांपा के डीईओ को उन शिक्षकों को चिह्नांकित करने का निर्देश दिए हैं जिनके विषयों मे विद्यार्थी अधिक फेल हुए हैं. 

देखें लाइव टीवी

Jharkhand JAC 12th Arts Result 2018: लड़कों से कहीं आगे निकल रही हैं लड़कियां

सक्ती शैक्षणिक जिला में ऐसे गैर जिम्मेदार शिक्षकों को चिह्नांकित कर लिया गया है. वहां 42 शिक्षक हैं जिनके विषय में सर्वाधिक बच्चे फेल हुए हैं, जबकि अभी जांजगीर-चांपा जिले में संबंधित स्कूल के प्राचार्यों से सबजेक्ट वाइज शिक्षकों की जानकारी मांगी गई है. वहीं इस पूरे मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि क्षेत्र में शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. छात्रों पर अधिक से अधिक ध्यान दिया जा रहा है और उनके रिजल्ट पर भी फोकस किया जा रहा है. इस कार्यवाई से आगामी वर्षों मे शिक्षा गुणवत्ता मे सुधार की उम्मीद की जा रही है. 

Trending news