आपको बता दें कि उमा भारती मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग कर रही हैं. इसके लिए वह जागरूकता अभियान चलाने का एलान भी कर चुकी हैं, जिसकी रूपरेखा तैयार हो रही है. अब सीएम शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान आया है.
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कटनीः मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती के नशामुक्ति के लिए जनजागरण अभियान चलाने के एलान के बाद अब सीएम शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान आया है. उन्होंने यह बयान कटनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया है. उन्होंने कहा कि हम मध्य प्रदेश को नशामुक्त प्रदेश बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इससे कयास लगाए जाने लगे हैं कि उमा भारती के शराबबंदी की मांग को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरा करेंगे क्या?
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मुख्यमंत्री ने जनता से कहा, ''इसके लिए आपका सहयोग चाहिए. यह सिर्फ शराबबंदी से नहीं होगा, पीने वाले रहेंगे तो दारू आती रहेगी. लोग यहां वहां से शराब लेकर आते रहेंगे. हम नशामुक्ति अभियान चलाएंगे, जिससे लोग पीना ही छोड़ें. हम अपने प्रदेश को अच्छा प्रदेश बनाएं. नशा मुक्ति का आप संकल्प लीजिए.'' आपको बता दें कि उमा भारती मध्य प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग कर रही हैं. इसके लिए वह जागरूकता अभियान चलाने का एलान भी कर चुकी हैं, जिसकी रूपरेखा तैयार हो रही है.
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मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई 26 मौतों के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने शराब की सरकारी दुकानें बढ़ाने की बात कही थी. आबकारी नीति ड्राफ्ट 2021-22 में ऑनलाइन शराब डिलीवरी का जिक्र है. हालांकि यह ड्राफ्ट अबतक मंजूरी नहीं हुआ है. इसके बाद उमा भारती मुखर हुईं और शराब बंदी के लिए अभियान चलाने का एलान किया. उनको कांग्रेस नेताओं का समर्थन मिला तो भाजपा मुश्किल में पड़ गई. अब मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के नशामुक्त मध्य प्रदेश बनाने के बयान पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि क्या राज्य में पूर्ण शराब बंदी लागू होने वाला है?
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पूर्व सीएम उमा भारती शराबबंदी को लेकर सीएम शिवराज को पत्र भी लिख चुकी हैं. उन्होंने पत्र में लिखा था, ''मैं जानती हूं इसकी चिंता आपको भी है. मध्य प्रदेश एक शांतिपूर्ण संस्कारशील राज्य है. यहां सामाजिक जागरण की दिशा में प्रयास हों, इस सोच के साथ 8 मार्च को एक विमर्श होगा. इस संबंध में आपसे भी हम विचार करते रहेंगे. मेरा प्रयास होगा कि नशाखोरी एवं शराबखोरी को रोकने के लिए हम सरकार के साथ सहयोगी की भूमिका निभाएंगे.''
शराब से सालाना लगभग 14000 करोड़ का राजस्व मिलता है
दरअसल सरकार को शराब से सालाना लगभग 14000 करोड़ का राजस्व मिलता है. शिवराज सिंह चौहान पिछली दो जनसभाओं में मध्य प्रदेश को नशामुक्त बनाने की बात कह चुके हैं. ऐसे में देखना होगा कि क्या वह राजस्व हानि को दरकिनार कर पूर्ण शराबबंदी का फैसला लेते हैं. जैसा कि उमा भारती पहले ही कह चुकी हैं कि यह एक साहसिक फैसला होगा. साथ उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज को ऐसे साहसिक फैसले लेने में पूरी तरह सक्षम भी बताया है.
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