ढाई महीने गायब रहने के बाद सामने आए कंप्यूटर बाबा, लेकिन मध्य प्रदेश नहीं छत्तीसगढ़ में
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ढाई महीने गायब रहने के बाद सामने आए कंप्यूटर बाबा, लेकिन मध्य प्रदेश नहीं छत्तीसगढ़ में

मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कमलनाथ सरकार में सुर्खियों में रहने वाले कंप्यूटर बाबा बीते नवबंर माह में अलग-अलग आपराधिक मामलों के सामने आने के बाद अज्ञातवास में चले गए थे. 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कंप्यूटर बाबा.

रायपुरः कंप्यूटर बाबा ढाई महीने बाद सियासी मैदान में फिर एक्टिव हुए हैं. लेकिन अब वह मध्य प्रदेश छोड़ छत्तीसगढ़ में नजर आए हैं. कंप्यूटर बाबा ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की. ढाई महीने पहले उनके आश्रमों पर प्रशासन की कार्रवाई के बाद से वह अज्ञातवास में चले गए थे. अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि क्या कंप्यूटर बाबा मध्य प्रदेश की राजनीति छोड़ पड़ोसी राज्य में सक्रिय होंगे.

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मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कमलनाथ सरकार में सुर्खियों में रहने वाले कंप्यूटर बाबा बीते नवबंर माह में अलग-अलग आपराधिक मामलों के सामने आने के बाद अज्ञातवास में चले गए थे. बीच मे खबरे आई थी कि वह हरिद्वार में हैं. इसी बीच कम्प्यूटर बाबा के ड्राइवर रमेश सिंह तोमर ने इंदौर के डीआईजी कार्यालय में लापता कंप्यूटर बाबा से कार के 40 हजार प्रतिमाह के हिसाब से कुल 3 लाख 60 हजार रुपए दिलवाने की मांग की थी. 

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कम्प्यूटर बाबा के ड्राइवर ने भी की थी शिकायत
रमेश सिंह तोमर ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसकी कार का इस्तेमाल कंप्यूटर बाबा करते थे और 40 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से 9 माह का किराया नहीं दिया है. रमेश सिंह तोमर ने बताया था कि उसने किश्त पर कार उठाई थी, कंप्यूटर बाबा के पैसे नहीं देने से उसको कार की किश्त चुकाने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रमेश ने यह भी बताया था कि कम्प्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी नहीं बल्कि रमाशंकर पटेल है. वह मूलतः जबलपुर के बरेला गांव में रहते थे और पेशे से मास्टर थे.

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इंदौर में कम्प्यूटर बाबा की हुई थी गिरफ्तारी
इससे पहले इंदौर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के मामले में गिरफ्तार किए गए कम्प्यूटर बाबा को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पुलिस ने उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया था. तब पुलिस उपमहानिरीक्षक हरिनारायणचारि मिश्र ने बताया था कि एक सरकारी कर्मचारी की शिकायत पर कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था. गांधीनगर थाना पुलिस द्वारा दर्ज इस प्रकरण में बाबा पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट और दुर्व्यवहार करने और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप लगे थे. हालांकि, उन्हें इस मामले में भी कोर्ट से जमानत मिल गई थी. उसके बाद से ही वह गायब थे.

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